पनियरा कांड: भाजपा नेता पुत्र का नाजायज दबाव थानेदार को पड़ा महंगा, निलंबन तो हुआ लेकिन क्या दर्ज होगा पुलिस वालों पर मुकदमा?

डीएन ब्यूरो

लखनऊ से महकमे के आला अफसर लाख निर्देश दें कि सत्तारुढ़ दल के नेताओं के नाजायज दबाव को मत सुनो और सही-गलत के आधार पर फैसले लो लेकिन जिले के कुछ पुलिस वालों को यह समझ में नहीं आता और नेताओं की चरण वंदना में वर्दी की गरिमा को तार-तार कर दे रहे हैं। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

(फाइल फोटो )
(फाइल फोटो )


महराजगंज: महराजगंज के पनियरा थानेदार को बीजेपी के एक बड़े नेता पुत्र की चमचागिरी महंगी पड़ गयी है, निलंबन तो हो गया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्यों न इन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाये? सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं कि सूचना मिलते ही थानेदार ने जिम्मेदारी निभायी होती तो शायद एक व्यक्ति को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक भवानीपुर गाँव मे जमीनी विवाद की सूचना पहले से ही थानेदार को थी। मृतक पक्ष ने पहले ही सूचना थानेदार को दी थी कि विपक्षीगण सत्ता के दबाव में उनकी जमीन पर कब्जा तो करेंगे ही साथ ही जान भी ले लेंगे।

यह भी पढ़ें | महराजगंज जिले में एसपी ने निकाली एक और तबादले की लिस्ट, परतावल, फरेन्दा, बहुआर, शीतलापुर, पकड़ी के चौकी इंचार्ज बदले गये

अंदर की खबर है कि इस बीच भाजपा के एक बड़े नेता पुत्र की नाजायज पैरवी थाने पर पहुंची और हुक्म सुनाया गया कि अपने आंख-कान बंद कर लो, कब्जा होगा और होने दो, कुछ मत बोलना।

थानेदार ने चरणवंदना के चक्कर में आंख मूंद ली, नतीजा दोनों गुट आपस में भिड़े और पहले से दी गयी सूचना के मुताबिक हत्या कर दी गयी। 

यह भी पढ़ें | यूपी में महोबा के निलंबित SP के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज, जानिये पूरा केस

छोटी सी चूक के नासूर बनने के बाद एसपी ने सीओ से जांच करायी, जांच में बात सच पायी गयी और थानेदार संजय सिंह सहित चार को निलंबित कर दिया गया लेकिन सवाल यह है कि क्या निलंबन काफी है या फिर इन दोषियों पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया जाना चाहिये, इसको लेकर सवाल चारों तरफ खड़े हो रहे हैं।










संबंधित समाचार