बीते सप्ताह मूंगफली धराशायी, अधिकांश तेल-तिलहनों में सुधार

डीएन ब्यूरो

बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में मूंगफली तेल-तिलहन और सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई, जबकि त्योहारी मांग बढ़ने से बाकी तेल-तिलहन कीमतों में मजबूती का रुख देखने को मिला। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

तेल-तिलहनों में सुधार
तेल-तिलहनों में सुधार


 

नयी दिल्ली:  बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में मूंगफली तेल-तिलहन और सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई, जबकि त्योहारी मांग बढ़ने से बाकी तेल-तिलहन कीमतों में मजबूती का रुख देखने को मिला।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बाजार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन और मूंगफली की नई फसल की आवक शुरू हो गयी है और बाकी आयातित सस्ते खाद्य तेलों के मुकाबले विशेषकर मूंगफली तेल-तिलहन का दाम काफी ऊंचा बैठने से इनकी मांग प्रभावित हुई है। इस वजह से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में पिछले सप्ताह भारी गिरावट देखने को मिली। सोयाबीन की भी आवक शुरू हुई है, लेकिन मंडियों में इसके तिलहन के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम हैं जिससे किसानों की लागत नहीं निकल रही है। ऐसे में मजबूरीवश केवल छोटे किसान पैसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर थोड़ी बहुत बिकवाली कर रहे हैं लेकिन जो मजबूत किसान हैं उन्होंने अपना माल रोक रखा है। नई फसल की आवक बढ़ने के बीच सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट आई।

पिछले सप्ताह कांडला बंदरगाह पर जिस सोयाबीन डीगम तेल का दाम पहले 960-970 डॉलर प्रति टन था वह बढ़कर बीते सप्ताह 980-990 डॉलर प्रति टन हो गया जिसके चलते सोयाबीन तेलों के दाम में सुधार है। वैसे देशी सोयाबीन किसान एमएसपी से कम भाव मिलने की वजह से परेशान हैं। देश में सोयाबीन, सरसों और सूरजमुखी की खेती करने वाले किसान अपनी उपज के दाम एमएसपी से कम मिलने की वजह से हताश हैं और सरकार को इस समस्या से निपटने की ओर ध्यान देना होगा।

प्रमुख खाद्य तेल संगठन सोपा के चेयरमैन ने भी कहा है कि सोयाबीन का दाम किसानों को सही मिलना चाहिये, नहीं तो भविष्य में वे तिलहन खेती से कतरायेंगे।

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सूत्रों ने कहा कि सरसों के अच्छे माल की कमी है और जहां कहीं भी सरसों बची है उनमें ज्यादातर फसल नमी वाली है और इससे केवल रिफाइंड बनाया जा सकता है। त्योहारों से पहले ब्रांडेड कंपनियों को केवल अच्छे माल की जरूरत होती है और सरकार को नेफेड के पास जो सरसों है उसे अभी संभाल कर रखना चाहिये क्योंकि आगे त्योहारों और जाड़े की मांग बढ़ेगी। सरसों की अच्छे माल की कमी और भारी त्योहारी मांग के कारण सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया।

इसी प्रकार बीते सप्ताह शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में सुधार के रुख की वजह से कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों पर भी इसका असर आया और इन तेलों के दाम समीक्षाधीन सप्ताह में मजबूती दर्शाते बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि मूंगफली के मुकाबले दाम काफी सस्ता होने तथा नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग बढ़ने से बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार आया।

पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 100 रुपये बढ़कर 5,625-5,675 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 350 रुपये बढ़कर 10,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 45-45 रुपये का लाभ दर्शाता क्रमश: 1,780-1,875 रुपये और 1,780-1,890 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

दूसरी ओर मंडियों में नई फसल की आवक शुरू होने के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव क्रमश: 100 रुपये और 50 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,650-4,700 रुपये प्रति क्विंटल और 4,350-4,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

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दूसरी ओर कांडला बंदरगाह पर बीते सप्ताह सोयाबीन डीगम के दाम मजबूत होने के कारण सोयाबीन दिल्ली तेल का भाव 250 रुपये के लाभ के साथ 9,750 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ, जबकि सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल के दाम क्रमश: 250 रुपये और 200 रुपये की मजबूती के साथ क्रमश: 9,650 रुपये और 8,100 रुपये रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

नयी फसल की आवक शुरू होने तथा आयातित तेलों से दाम काफी ऊंचा होने के कारण समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में भारी गिरावट आई। मूंगफली तेल-तिलहन, मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल के भाव क्रमश: 525 रुपये, 1,850 रुपये और 255 रुपये लुढ़ककर क्रमश: 6,750-6,800 रुपये क्विंटल, 15,650 रुपये क्विंटल और 2,315-2,600 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।

विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दाम में सुधार आने के बीच समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 100 रुपये की मजबूती के साथ 7,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 200 रुपये बढ़कर 9,150 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला का भाव 250 रुपये की तेजी के साथ 8,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग बढ़ने और मूंगफली से सस्ता होने के कारण समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल का भाव भी 25 रुपये की मजबूती के साथ 8,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

 










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