पेंशनभोगियों ने रखी पेंशन राशि बढ़ाने की मांग, दी भूख हड़ताल की चेतावनी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पेंशन योजना ईपीएस-95 के दायरे में आने वाले पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगी बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में भूख हड़ताल पर बैठेंगे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पेंशन योजना ईपीएस-95 के दायरे में आने वाले पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगी बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत फिलहाल पेंशनभोगियों के लिये न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक पेंशन निर्धारित की गयी है। यह व्यवस्था सितंबर, 2014 में लागू की गयी थी।
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘हम अपनी मांगों के समर्थन में बृहस्पतिवार 20 जुलाई को जंतर मंतर पर भूख हड़ताल करेंगे।’’
बयान के अनुसार, ‘‘ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति औद्योगिक, सार्वजनिक, सहकारी, निजी क्षेत्रों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है, जिन्हें ईपीएस-95 पेंशनभोगी के रूप में जाना जाता है। इन्होंने राष्ट्र के विकास के लिए अपनी सेवा समर्पित की थी लेकिन उन्हें बेहद कम पेंशन राशि के कारण गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
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एनएसी के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘‘ये पेंशनभोगी बहुत ही कम पेंशन के कारण संकटपूर्ण परिस्थितियों में जी रहे हैं और अपने परिवार और समाज में अपनी गरिमा खो रहे हैं।’’
बयान के अनुसार, ‘‘इसीलिए 20 जुलाई को संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक राउत और केंद्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल करने की घोषणा की है। आगे समर्थन जुटाने के लिए देश भर के पेंशनभोगी उसी दिन प्रमुख स्थानों पर भूख हड़ताल भी करेंगे।
पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगी के जीवनसाथी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं तथा ईपीएस 95 के दायरे में नहीं आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इसमें शामिल कर 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी पेंशन योजना, 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है।
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राउत ने कहा, ‘‘हालांकि सरकार ने जनता के कल्याण के लिए कई पेंशन योजनाएं लागू की हैं लेकिन ईपीएस कर्मचारियों को उनकी पूरी सेवा के दौरान पेंशन कोष में योगदान करने के बाद केवल नाममात्र की पेंशन राशि मिल रही है...।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘अगर इस मानसून सत्र में न्यूनतम पेंशन नहीं बढ़ाई गई तो पेंशनभोगी देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करेंगे...।’’