महराजगंज: तिलमिलाती गर्मी में प्यास के मारे साफ पानी को तरस रहे ग्रामीण, प्रशासन मौन

डीएन ब्यूरो

गांव में विकास के लिए सरकार ने कितनी ही स्किम निकाली हो, लेकिन बीच में भ्रष्टाचार से भरे लोग ऐसा होन नहीं दे रहे हैं। दो साल से साफ पानी के लिए तरह रहा ये गांव, भ्रष्टाचार का एक ऐसा ही उदाहरण है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की खास खबर..

खराब पड़ा हैंडपंप
खराब पड़ा हैंडपंप


महराजगंज: गांव के विकास के लिए सरकार ने कितनी ही स्किम निकाली हो, लेकिन बीच में भ्रष्टाचार से भरे लोग ऐसा होन नहीं दे रहे हैं। दो साल से साफ पानी के लिए तरह रहा ये गांव, भ्रष्टाचार का एक ऐसा ही उदाहरण है। यहां का हैंडपंप दो साल से खराब है, जिसकी वजह से साफा पानी पीने को नहीं मिल पा रहा है। जब इसकी शिकायत की गई तो आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला।

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नौतनवां ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत महदेईया के टोला पथरहवा के लोग पिछले दो सालो से शुद्व पानी के लिए तरस रहे हैं। यह टोला दो गांव महदेईया और हनुमानगढ़िया की सीमा पर बसा है। पथरहवा टोले पर विकास की स्थिति लोगों को अँगूठा दिखाने का काम कर रही है। यही नहीं यहां के लोग अपनी किस्मत को हमेशा कोसते रहते हैं। महदेईया ग्राम पंचायत के टोला पथरहवा पर इन्डिया मार्का हैन्ड पम्प साल 2016 में लगा था जो लगभग 10 महीने तक तो ठीक चला उसके बाद हैंडपंप खराब हो गया।

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गांव के लोंगो ने ग्राम प्रधान से खराब हैन्ड पंम्प को ठीक कराने के लिये कई बार कहा, लेकिन प्रधान सिर्फ आश्वासन ही देते चले आ रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि सरकार गांव मे विकास के लिए एक से बढ़कर एक योजना और एनजीओ के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रही है। लेकिन कुछ भ्रष्टाचारी सरकारी धन का बंन्दरबाट कर लेते हैं। सरकारी हैन्ड पम्प मे बहुत घोटाला है। जैसे रिबोर के नाम पर ठेकेदार और जल निगम के लोग 25 से 30 हजार खर्चा दिखाते हैं और गांव में हैन्ड पंम्प जैसे के तैसे पड़ा रहता है। वहीं मरम्मत के नाम जिम्मेदार 10 से 12 हजार तक का खर्चा दिखा कर सरकारी धन को हजम कर लेते है। पानी के बिना सूखे नल और शुद्ध पानी के प्यास से बिलखते लोग इनके बंदरबाट के स्पष्ट उदहारण हैं।










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