केरल की पहली वंदे भारत ट्रेन की झलक पाने को बेताब दिखे लोग

डीएन ब्यूरो

केरल में मंगलवार को तिरुवनंतपुरम से कासरगोड के बीच राज्य की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा के दौरान ट्रेन की झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग रेलवे फाटक, फ्लाईओवर, खेतों और अन्य स्थानों पर जुटे।

पहली वंदे भारत ट्रेन(फाइल)
पहली वंदे भारत ट्रेन(फाइल)


वंदे भारत एक्सप्रेस: केरल में मंगलवार को तिरुवनंतपुरम से कासरगोड के बीच राज्य की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा के दौरान ट्रेन की झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग रेलवे फाटक, फ्लाईओवर, खेतों और अन्य स्थानों पर जुटे।

दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई एक्सप्रेस ट्रेन का उसके मार्ग पर पड़ने वाले रेलवे स्टेशनों और उन जगहों पर भी स्वागत किया गया, जहां सेमी-हाई-स्पीड का 'स्टॉप' नहीं था।

रेल मार्ग के किनारे बने घरों में रहने वाले लोग बालकनी, छतों और यहां तक ​​कि चारदीवारी पर भी खड़े थे, जबकि युवाओं ने ट्रेन के साथ तस्वीरें खिचवाईं। कुछ लोगों को गुजरती हुई ट्रेन के वीडियो बनाते हुए देखा गया।

मोदी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर की उपस्थिति में तिरुवनंतपुरम-कासरगोड (20634) वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई।

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तिरुवनंतपुरम सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में लोग ट्रेन के संचालन के गवाह बने। उन्होंने तिरंगा लहराया, ट्रेन पर फूल बरसाए, और ट्रेन के स्टेशन से रवाना होने पर जोरदार तरीके से तालियां बजाईं। स्टेशनों पर ढोल नगाड़ों की थाप सुनाई दी और जनप्रतिनिधियों व उनके समर्थकों ने ट्रेन का स्वागत किया।

ट्रेन की एक झलक पाने के लिए बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी उम्र के लोग उत्साहित थे।

तिरुवनंतपुरम के पेरूरकडा उपनगर के ऑटो-रिक्शा चालक राजन (45) ने कहा कि ट्रेन से कासरगोड तक उनकी यात्रा अब आसान हो जाएगी।

उन्होंने कहा, 'यह अच्छा है कि ट्रेन कासरगोड तक जाएगी, क्योंकि मेरे रिश्तेदार वहां रहते हैं। मैंने अभी तक वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा नहीं की है, लेकिन मैंने सुना है कि इसमें समय सारणी का सख्ती से पालन किया जाता है। मैं भी अपने बच्चों को इस सेमी हाई-स्पीड ट्रेन की यात्रा कराना चाहता हूं।'

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एर्नाकुलम के डेरिक डिक्रूज ने कहा कि उनका मानना ​​है कि ट्रेन का काफी प्रभाव पड़ेगा क्योंकि तिरुवनंतपुरम और कासरगोड के बीच की यात्रा केवल आठ घंटे में पूरी हो जाएगी।

उन्होंने कहा, 'एक स्थानीय निवासी होने के नाते मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मैं लंबी यात्राओं के लिए ट्रेनों पर निर्भर हूं। मेरा मानना ​​है कि वंदे भारत का स्थानीय लोगों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे तिरुवनंतपुरम और कासरगोड के बीच यात्रा का समय घट जाएगा।''










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