प्रधानमंत्री ने चक्रवात ‘यास’ से हुए नुकसान की समीक्षा की, ओडिशा ने मांगा दीर्घकालिक समाधान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचे और यहां एक बैठक में चक्रवात ‘यास’ से ओडिशा के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की। इस दौरान ओडिशा सरकार ने बार-बार आने वाली चक्रवात की समस्या से निजात के लिए दीर्घकालिक समाधानों और आपदा अनुकूल शक्ति तंत्र के प्रावधानों पर जोर दिया।
भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचे और यहां एक बैठक में चक्रवात ‘यास’ से ओडिशा के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की। इस दौरान ओडिशा सरकार ने बार-बार आने वाली चक्रवात की समस्या से निजात के लिए दीर्घकालिक समाधानों और आपदा अनुकूल शक्ति तंत्र के प्रावधानों पर जोर दिया।
समीक्षा बैठक के बाद ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन में हुए खर्च के लिए कोई तत्काल राहत कोष की मांग नहीं की बल्कि दीर्घकालिक समाधानों पर जोर दिया क्योंकि ओडिशा को आए दिन चक्रवातीय तूफानों का सामना करना पड़ता है।
Thank you Hon’ble PM @narendramodi ji for visiting #Odisha in the aftermath of #CycloneYaas. Apprised him about the large scale devastation caused by the cyclone and steps taken by the State Govt ahead of the cyclone and the ongoing restoration efforts. #OdishaFightsYaas pic.twitter.com/RG1dQpLcp0
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) May 28, 2021
बैठक में प्रधानमंत्री और ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
इसके बाद प्रधानमंत्री बालासोर और भद्रक के प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकल गए। प्रधानमंत्री हवाई मार्ग से ही पश्चिम बंगाल निकल जाएंगे।
इससे पहले, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।
जेना ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने एक आपदा अनुकूल शक्ति संसाधन और चक्रवातों से तटीय क्षेत्रों को बचाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में 480 किलोमीटर लंबा तटीय क्षेत्र है जिसमें 200 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र ज्वार की दृष्टि से संवेदनशील हैं।
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तत्काल किसी आर्थिक सहायता की मांग नहीं की है और वह अपने संसाधनों से व्यवस्था कर लेगा।
उन्होंने कहा कि चक्रवात से हुए नुकासान का अगले सात दिनों में आकलन किया जाएगा और उसके बाद केंद्रीय मदद की मांग की जाएगी।
Sought assistance for long term measures to make #Odisha disaster resilient as we are frequented by such climate hazards every year. Highlighted #Odisha’s demand for disaster resilient power infrastructure and resilient coastal protection with storm surge resilient embankments. pic.twitter.com/2pwt4YesHQ
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) May 28, 2021
इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ओडिशा के साथ खड़ी है। राज्य सरकार ने कोई तत्काल मदद की मांग नहीं की है लेकिन स्थायी समाधान पर जोर दिया है।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फिलहाल हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लेंगे और शाम को राहत पैकेज की घोषणा करेंगे।
बैठक के आरंभ में प्रधानमंत्री का राज्य में स्वागत किया गया और इसके बाद चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में एक वीडियो फिल्म और डिजिटल प्रस्तुति के जरिए उन्हें अवगत कराया गया।
जेना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र व राज्य की सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए।
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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने तटीय इलाकों में कटाव की समस्या का जिक्र किया और तूफान से आए दिन होने वाले नुकसानों की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट कराया।
ज्ञात हो कि चक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गयी जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।
‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है।
प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और वहां भी एक समीक्षा बैठक करेंगे।(भाषा)