भाजपा मिशन 2019 की तैयारी में
विकास के एजेंडे पर जोर देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 में सत्ता बनाए रखने के लिए एक मिशन की शुरुआत की। इसके लिए गरीबों को लुभाने की नीति और मुस्लिमों के एक वर्ग में आधार बढ़ाने की रणनीति पर जोर दिया गया। दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आखिरी दिन भाजपा के राजनीतिक प्रस्ताव से यह संकेत मिलता है कि वह अपने साथ दूसरे नए सामाजिक समूहों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
भुवनेश्वर: विकास के एजेंडे पर जोर देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 में सत्ता बनाए रखने के लिए एक मिशन की शुरुआत की। इसके लिए गरीबों को लुभाने की नीति और मुस्लिमों के एक वर्ग में आधार बढ़ाने की रणनीति पर जोर दिया गया। दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आखिरी दिन भाजपा के राजनीतिक प्रस्ताव से यह संकेत मिलता है कि वह अपने साथ दूसरे नए सामाजिक समूहों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करेगी। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुस्लिम समुदाय को आकर्षित करने की कोशिश की। इसमें मुस्लिम महिलाएं और गरीब शामिल रहे।
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तीन तलाक को एक 'खराब सामाजिक प्रथा' करार देते हुए मोदी ने कहा कि इस तरह की चीजें सामाजिक जागरूकता के जरिए खत्म की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे विवाद नहीं चाहती।
मोदी की यह टिप्पणी कार्यकारिणी के समापन अवसर पर आई।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मोदी के हवाले से कहा, "जहां तक सामाजिक न्याय का सवाल है हमारी मुस्लिम बहनों को भी न्याय मिलना चाहिए। उनके साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए। किसी का शोषण नहीं किया जाना चाहिए।"
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मोदी ने कहा, "हमें समाज में संघर्ष की इजाजत नहीं देनी चाहिए। हम इस मुद्दे पर मुस्लिम समाज में कोई संघर्ष नहीं चाहते है। हमें इन बुरी प्रथाओं को सामाजिक जागरूकता से खत्म करने की जरूरत है।"
इससे पहले नए ओबीसी आयोग पर पारित प्रस्ताव पर चर्चा में दखल देते हुए मोदी ने कहा कि मुस्लिम भी पिछड़े और हाशिए पर हैं और सरकार को उनकी चिंताओं पर ध्यान देना चाहिए।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से पिछड़े मुस्लिमों और महिलाओं के मुद्दे पर जिला स्तर की बैठकों में चर्चा करने को कहा। मोदी ने भारत की सामाजिक और आर्थिक असमानता को दूर करने की भी इच्छा जाहिर की।
विपक्ष पर मुद्दों को गढ़ने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, "ऐसा लगता है कि विपक्षी इन मुद्दों को कुछ कारखानों में बनाते हैं। दिल्ली चुनावों के समय गिरजाघरों पर हमले की घटना को उजागर किया गया और बिहार चुनावों के समय अवार्ड वापसी मुद्दा रहा। मौजूदा समय में ईवीएम मुद्दा है।"
प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने को कहा। इससे पहले दो प्रस्ताव पास किए गए। इसमें समाज के गरीब तबकों और पिछड़ा वर्ग पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही गई।
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राज्यसभा में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधित विधेयक के विरोध पर कांग्रेस और विपक्षी दलों की निंदा करते हुए भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने गरीबों को लाभ से वंचित कर दिया।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "इन पार्टियों ने हमेशा समाज के पिछड़े वर्गो के हितों को दबाया है और उन्हें सिर्फ झूठी उम्मीदें दी हैं।" उन्होंने कहा कि जिस तरीके से राज्यसभा में विधेयक का विरोध किया गया, यह इनके पिछड़े वर्गो के प्रति दृष्टिकोण को उजागर करता है।
इस प्रस्ताव को भाजपा के ओबीसी सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने रखा और इसका झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे मुख्यमंत्रियों व केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने अनुमोदन किया।
भाजपा ओबीसी और मोदी की टिप्पणियों पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसमें मुस्लिम समाज में पिछड़ापन और तीन तलाक शामिल हैं। पार्टी इन सामाजिक समूहों को 2019 के चुनावों के लिए पूरी तरह से लुभाने का प्रयास करेगी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 120 लोकसभा सीटों के लिए अतिरिक्त कार्य करने की बात कही। (आईएएनएस)