पीएम मोदी ने सीकर में कई विकास योजनाओं का किया शिलान्यास और लोकार्पण, जानिये संबोधन की खास बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार देश के किसान का दुख-दर्द समझती है और वह उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है तथा उसने पिछले नौ साल में लगातार किसानों के हित में फैसले किए हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी


जयपुर:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार देश के किसान का दुख-दर्द समझती है और वह उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है तथा उसने पिछले नौ साल में लगातार किसानों के हित में फैसले किए हैं।

इसके साथ ही मोदी ने किसानों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार किसानों को यूरिया की कीमतों को लेकर कोई परेशानी नहीं होने देगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मोदी सीकर कस्बे में विभिन्न विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा,‘‘किसान का सामर्थ्य, किसान का परिश्रम मिट्टी से भी सोना निकाल देता है। इसलिए हमारी सरकार देश के किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।' उन्होंने कहा,‘‘ आजादी के इतने दशक बाद आज देश में ऐसी सरकार आई है, जो किसान का दुख-दर्द समझती है, किसान की चिंता समझती है इसलिए पिछले नौ वर्षों में लगातार किसानों के हित में फैसले लिए गए हैं।’’

इससे पहले मोदी ने कहा,‘‘मेरा सौभाग्य है कि वीरों की भूमि शेखावटी से देश के लिए अनेक विकास परियोजनाओं को शुरू करने का अवसर मिला है। आज यहां से देश के करोड़ों किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत करीब 18 हजार करोड़ रुपये भेजे गए हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ पीएम-किसान की आज की 14वीं किश्त को जोड़ दें तो अब तक 2 लाख 60 हजार करोड़ से अधिक रुपये किसानों के बैंक खातों में सीधे भेजे गए हैं। इन पैसों ने छोटे-छोटे अनेक खर्च निपटाने में किसानों की बहुत मदद की है।

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उन्होंने कहा,‘‘आज देश में सवा लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्रों की शुरूआत की गई है। आज 1.5 हजार से अधिक एपीओ के लिए हमारे किसानों के लिए ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स का लोकार्पण भी हुआ है। आज ही देश के किसानों के लिए एक नया यूरिया गोल्ड भी शुरू किया गया है।’’

मोदी ने कहा,‘‘हमारी सरकार यूरिया की कीमतों की वजह से भारत के किसानों को परेशानी नहीं होने देगी। इस सच्चाई को देश का किसान देख रहा है और अनुभव कर रहा है। उसे पक्का विश्वास है कि ये मोदी की गारंटी है।’’

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 14वीं किस्त के रूप में लगभग 18,000 करोड़ रुपये की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 8.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को जारी की ।

प्रधानमंत्री ने 1.25 लाख प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित किए।

इससे पहले जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत सरकार ने मौजूदा गांव, ब्लॉक/उप जिला/तालुक और जिला स्तरीय उर्वरक खुदरा दुकानों को मॉडल उर्वरक खुदरा दुकानों में बदलने का निर्णय किया है, जिन्हें प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र” (पीएमकेएसके) के रूप में भी जाना जाता है। पीएमकेएसके कृषि संबंधी सभी इनपुट और सेवाओं के लिए वन स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करेंगे।

बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने 'यूरिया गोल्ड' के नाम से सल्फर लेपित यूरिया जारी किया। यह यूरिया,मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करेगा, जो एक प्रमुख सूक्ष्म पोषक तत्व है।

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कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने डिजिटल वाणिज्य के ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) पर 1600 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को शामिल किये जाने की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्री गंगानगर में पांच नए मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने बारां, बूंदी, करौली, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में सात मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों में छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन भी किया। सरकारी बयान के अनुसार इससे इन जिलों में रहने वाली जनजातीय आबादी को लाभ होगा। कार्यक्रम में मोदी ने केन्द्रीय विद्यालय तिंवरी, जोधपुर का भी लोकार्पण किया।

बयान के अनुसार, राजस्थान में कुल 31 विद्यालय स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से छह का उद्घाटन किया गया है। प्रत्येक स्कूल की क्षमता 480 छात्रों की है, जिनमें 240 लड़कियां होंगी। इन स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास, कर्मचारियों के लिए आवास, भोजन क्षेत्र और खेल का मैदान होगा। इन स्कूलों का निर्माण मैदानी क्षेत्रों में 38 करोड़ रुपये और पहाड़ी क्षेत्रों में 48 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।

इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मनसुख मांडविया व गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे।










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