सीकर में अशोक गहलोत के संबोधम कार्यक्रम को हटाये जाने को लेकर पीएओ और मुख्यमंत्री आमने सामने

डीएन ब्यूरो

सीकर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्धारित संबोधन कार्यक्रम को हटाए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) आमने सामने आ गए। पढिेय़े डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत


जयपुर: सीकर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्धारित संबोधन कार्यक्रम को हटाए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) आमने सामने आ गए।

गहलोत ने कहा कि पीएमओ ने प्रधानमंत्री मोदी के सीकर वाले कार्यक्रम में उनका पूर्व निर्धारित संबोधन कार्यक्रम हटा दिया है।

वहीं, पीएमओ के अनुसार गहलोत को इस कार्यक्रम के लिए विधिवत आमंत्रित किया गया था लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने सूचित किया कि वे इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके बाद गहलोत ने ‘मिनट टू मिनट’ कार्यक्रम एवं उनके कार्यालय से भेजे पत्र की प्रति साझा करते हुए कहा, ‘‘कल रात को मुझे पुन: अवगत करवाया गया कि मेरा संबोधन नहीं होगा।’’

मोदी बृहस्पतिवार को सीकर के कस्बे में एक कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर रहे हैं। वे 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

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गहलोत ने बृहस्पतिवार सुबह ट्वीट किया, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, आज आप राजस्थान पधार रहे हैं। आपके कार्यालय पीएमओ ने मेरा पूर्व निर्धारित तीन मिनट का संबोधन कार्यक्रम हटा दिया है, इसलिए मैं भाषण के माध्यम से आपका स्वागत नहीं कर सकूंगा अतः मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहेदिल से स्वागत करता हूं।’’

प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसके जवाब में ट्वीट किया, ‘‘श्री अशोक गहलोत जी, प्रोटोकॉल के अनुसार, आपको विधिवत आमंत्रित किया गया था और आपका भाषण भी निर्धारित था। लेकिन, आपके कार्यालय ने कहा कि आप शामिल नहीं हो पाएंगे।’’

इसमें लिखा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछली राजस्थान यात्राओं में भी आपको हमेशा आमंत्रित किया जाता रहा है और आपने अपनी उपस्थिति से उन कार्यक्रमों की शोभा भी बढ़ाई है। आज के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आपका हार्दिक स्वागत है। विकास कार्यों की पट्टिका पर भी आपका नाम शामिल है। यदि आपको हाल में लगी चोट के कारण कोई शारीरिक परेशानी न हो, आपकी उपस्थिती बहुमूल्य है।’’

इसके जवाब में गहलोत ने एक और ट्वीट किया, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री जी, आपके कार्यालय ने मेरे ट्वीट पर संज्ञान लिया लेकिन संभवत: उन्हें भी तथ्यों से अवगत नहीं करवाया गया है।’’

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उन्होंने लिखा, ‘‘भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से भेजे गए प्रस्तावित ‘मिनट टू मिनट’ कार्यक्रम में मेरा संबोधन रखा गया था। कल रात को मुझे पुन: अवगत करवाया गया कि मेरा संबोधन नहीं होगा। मेरे कार्यालय ने भारत सरकार को अवगत करवाया था कि चिकित्सक की राय के अनुसार पैर में लगी चोट के कारण मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस से कार्यक्रम में शामिल रहूंगा एवं मेरे मंत्रिगण कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे।’’

गहलोत ने लिखा कि वह राजस्थान के हित के इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘नॉन इंटरेक्टिव मोड’ में शामिल रहेंगे यानी वह वीडियो कॉन्फेंस के जरिए शामिल रहेंगे लेकिन कोई संवाद नहीं करेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आपके संज्ञान के लिए पूर्व में प्राप्त ‘मिनट टू मिनट’ एवं मेरे कार्यालय से भेजा गया पत्र साझा कर रहा हूं।’’

इससे पहले गहलोत ने यह भी कहा था कि वह कार्यक्रम में अपने भाषण के जरिए जो मांग रखने वाले थे उन्हें अब इस ट्वीट के माध्यम से रख रहे हैं और उम्मीद है कि मोदी छह महीने में अपनी इस सातवीं राजस्थान यात्रा के दौरान इन्हें पूरा करेंगे।

गहलोत ने पहली मांग में कहा है कि राजस्थान खासकर शेखावटी के युवाओं की मांग पर ‘अग्निवीर योजना’ को वापस लेकर सेना में स्थायी भर्ती पूर्ववत जारी रखी जाए।










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