Business: नीति दरें यथावत, ब्याज सस्ता होने की उम्मीद हुई कम
चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा मंहगाई के बढ़ने और आर्थिक विकास के 5.0 प्रतिशत पर आने का अनुमान को जताते हुये रिजर्व बैंक ने नीतिगत दराें को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया है जिससे घर, वाहन आदि के लिए सस्ते ऋण की उम्मीद लगाये लाेगों को निराश होना पड़ेगा।
मुंबई: चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा मंहगाई के बढ़ने और आर्थिक विकास के 5.0 प्रतिशत पर आने का अनुमान को जताते हुये रिजर्व बैंक ने नीतिगत दराें को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया है जिससे घर, वाहन आदि के लिए सस्ते ऋण की उम्मीद लगाये लाेगों को निराश होना पड़ेगा।रिजर्व बैंक ने लगातार पांच वार में रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती कर चुका था और इस बार इस छठवीं बैठक में ब्याज दरों में कम से कम एक चाथाई फीसदी की कमी किये जाने की उम्मीद की जा रही थी क्योंकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर छह वर्ष के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गयी है।
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केन्द्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। गुरूवार को बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा महंगाई बढ़कर 5.1 प्रतिशत से 4.7 प्रतिशत के बीच पहुंच सकती है। समिति ने वैश्विक और घरेलू कारकों से आर्थिक विकास में आयी सुस्ती का हवाला देते हुये चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.0 प्रतिशत कर दिया है।
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समिति ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर को 4.90 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी दर (एमएसएफआर) 5.40 प्रतिशत, बैंक दर 5.40 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4.0 प्रतिशत और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 18.50 प्रतिशत पर यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया है। रेपो दर वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है।