कर्नाटक में चावल को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच छिड़ी सियासी जंग, जानें ताजा अपडेट
कांग्रेस ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद किए जाने को लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर फिर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कर्नाटक की जनता द्वारा खारिज किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद किए जाने को लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर फिर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कर्नाटक की जनता द्वारा खारिज किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा हमेशा सबसे अहम होनी चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरीब विरोधी और प्रतिशोध की राजनीति की हालिया क्रोनोलॉजी : 13 मई, 2023 को प्रधानमंत्री और भाजपा को कर्नाटक की जनता ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। दो जून, 2023 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने ‘अन्न भाग्य’ गारंटी के क्रियान्वयन की घोषणा की जिसके तहत एक जुलाई से हर गरीब परिवार को 10 किलोग्राम मुफ्त अनाज दिया जाना है।’’
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रमेश ने दावा किया, ‘‘13 जून, 2023 को केंद्र सरकार ने एक परिपत्र जारी कर एफसीआई से ओएमएस योजना के तहत राज्यों को चावल की बिक्री पर रोक लगा दी। कर्नाटक एफसीआई को 3400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करने के लिए तैयार है। परंतु बिक्री बंद कर दी गई।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘खाद्य सुरक्षा का हमेशा सबसे ज्यादा महत्व होना चाहिए।’’
केंद्र ने हाल में खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है।
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भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, ‘‘राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है।'
इसमें कहा गया कि हालांकि, ओएमएसएस के तहत चावल की बिक्री पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय राज्यों और कानून व्यवस्था की स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल की मौजूदा दर से जारी रहेगी।