74वां स्वतंत्रता दिवस: लाल किले की प्राचीर पर पीएम मोदी ने किया झंडारोहण, कही ये बड़ी बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। जानिये, उनके संबोधन की मुख्य बातें..

लाल किले से देश को संबोधित करते पीएम मोदी
लाल किले से देश को संबोधित करते पीएम मोदी


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाला किले पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले पर मोदी लगातार सातवीं बार तिरंगा फहराने वाले पहले गैर कांग्रेसी पीएम बन गये हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद पीएम मोदी राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। जानिये, उनके संबोधन की अब तक की कुछ खास बातें..

पीएम मोदी ने तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेक लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं। 

झंडारोहण और संबोधन से पहले गॉर्ड ऑफ ऑनर्स लेते सीए मोदी

21वीं सदी के इस दशक में अब भारत को नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा। अब साधारण से काम नहीं चलेगा। बीते वर्ष मैंने यहीं लाल किले से कहा था कि पिछले पाँच साल देश की अपेक्षाओं के लिए थे, और आने वाले पाँच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होंगे। बीते एक साल में ही देश ने ऐसे अनेकों महत्वपूर्ण फैसले लिए, अनेकों महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए। 

अब NCC का विस्तार देश के 173 border और coastal districts तक सुनिश्चित किया जाएगा। इस अभियान के तहत करीब 1 लाख नए NCC Cadets को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें भी करीब एक तिहाई बेटियों को ये स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी।

लाल किले पर तिरंगा फहराते पीएम मोदी

अगले 1000 दिन में, लक्षद्वीप को भी सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ दिया जाएगा। हमारे देश में 1300 से ज्यादा Islands हैं। इनमें से कुछ चुनिंदा Islands को, उनकी भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, देश के विकास में उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए, नई विकास योजनाएं शुरू करने पर काम चल रहा है। 

यह भी पढ़ें | जानिये क्या है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, आम आदमी को कैसे मिलेगा इसका फायदा

देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बहुत बड़ी भूमिका है। हिमालय की चोटियां हों या हिंद महासागर के द्वीप, आज देश में रोड और इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है, तेज़ गति से विस्तार हो रहा है।

भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है। भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है।

संबोधन से पहले राजघाट में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते पीएम मोदी

आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है। 

दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है।हम सहयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं। इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जन समूह के विकास और प्रगति की ओर एक अहम जिम्मेदारी है। 

आज हम भारतवासी स्वतंत्र भारत में जो सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है।  आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है. कोरोना के समय में, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें | PM Modi Hoists Tricolour at Red Fort: पीएम मोदी ने लगातार 10वीं बार लाल किले की प्राचीर पर फहराया तिरंगा, जानिये इस बार की खास बातें

डाइनामाइट न्यूज़ की हर खबर अब टेलीग्राम पर

 

आजादी का यह पर्व हमारे लिए आजादी के लिये बलिदान करने वालों याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है। अगला आजादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तो आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे, तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है।

गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था, जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो। एक प्रकार से जवानी जेलों में खपा दी. ऐसे वीरों को हम नमन करते हैं। 

हमारी पॉलिसी,  हमारे प्रोसेस,  हमारे प्रोजक्ट, सब कुछ बेस्ट होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे।    










संबंधित समाचार