भारत में हो रही जी20 को लेकर प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा

डीएन ब्यूरो

भारत जी20 देशों के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकारों की अगले सप्ताह उत्तराखंड के रामनगर में होने वाली बैठक में अनुसंधानकर्ताओं द्वारा प्रकाशित वैज्ञानिक पत्रों को निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए इन देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागारों को आपस में जोड़ने की पैरवी करेगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: भारत जी20 देशों के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकारों की अगले सप्ताह उत्तराखंड के रामनगर में होने वाली बैठक में अनुसंधानकर्ताओं द्वारा प्रकाशित वैज्ञानिक पत्रों को निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए इन देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागारों को आपस में जोड़ने की पैरवी करेगा।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद जी20 - मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार गोलमेज वार्ता की अध्यक्षता करेंगे। इसमें भविष्य की महामारियों से निपटने, औषधि की पारंपरिक पद्धति को अपनाने और वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति संवाद जारी रखने के लिए एक तंत्र बनाने पर भी चर्चा की जाएगी।

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यह जी20 देशों की इस तरह की पहली बैठक होगी।

प्रोफेसर सूद ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इसके पीछे एक राष्ट्रीय अभिलेखागार का विचार है जो प्रभावी हो और इसमें अभिलेखागार का आदान-प्रदान हो।’’

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उन्होंने कहा कि दुनिया में 85 फीसदी वैज्ञानिक ज्ञान जी20 देशों द्वारा पैदा किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि ऐसी नीति होनी चाहिए ताकि सभी स्वीकृत शोध पत्र एक राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखे जा सके। जी20 देशों के विभिन्न अभिलेखागारों को आपस में जोड़ना चाहिए। इससे जी20 देशों में सभी लोगों तक विज्ञान की पहुंच होगी।’’

मुख्य वैज्ञानिक सलाहकारों की गोलमेज वार्ता में निकले परिणाम के आधार पर दिल्ली में सितंबर में होने वाले जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में एक अलग घोषणा की जाएगी।










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