Punjab: चीनी मांझे के खिलाफ पंजाब पुलिस ने कार्रवाई तेज की

डीएन ब्यूरो

पंजाब पुलिस पतंगबाजी प्रतियोगिताओं के दौरान खासकर बच्चों के गंभीर रूप से घायल होने की कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के मद्देनजर राज्य में प्रतिबंधित ‘चीनी मांझे’ की बिक्री पर नकेल कस रही है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

चीनी मांझे के खिलाफ पंजाब पुलिस ने कार्रवाई
चीनी मांझे के खिलाफ पंजाब पुलिस ने कार्रवाई


चंडीगढ़: पंजाब पुलिस पतंगबाजी प्रतियोगिताओं के दौरान खासकर बच्चों के गंभीर रूप से घायल होने की कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के मद्देनजर राज्य में प्रतिबंधित ‘चीनी मांझे’ की बिक्री पर नकेल कस रही है।

लुधियाना जिले में समराला के निकट कुछ दिन पहले चीनी मांझा चार साल के एक बच्चे की गर्दन में लिपट गया था, जिसके बाद उसके चेहरे पर 100 से अधिक टांके आए। बच्चा एक कार में यात्रा कर रहा था और उसने उड़ती पतंग देखने के लिए कार की खिड़की से अपना सिर बाहर निकाला था। इसी दौरान मांझा उसकी गर्दन में लिपट गया। उसे लुधियाना के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

‘चीनी डोर’ या ‘चीनी मांझे’ का विरोध करने वाले प्रमुख कार्यकर्ताओं में शामिल अमृतसर के निवासी किरपाल सिंह पाली ने दावा किया कि राज्य में नोएडा से इसकी आपूर्ति होती है और इसे फिर लुधियाना एवं जलंधर से वितरित किया जाता है।

अमृतसर में, चार दिन पहले 28 वर्षीय एक युवक के गले में चीनी मांझा उलझ जाने से उसकी गर्दन पर गहरी चोट आई थी और उसे 20 टांके लगवाने पड़े थे।

मोगा में 15 जनवरी को 10 साल का एक लड़का उस समय गंभीर रूप से झुलस गया था, जब उसकी पतंग की चीनी डोर हाई-वोल्टेज विद्युत तारों के संपर्क में आ गई थी।

अबोहर में तीन दिन पहले चीनी डोर से एक व्यक्ति की नाक पर गहरी चोट आई थी। रूपनगर में पिछले साल नवंबर में साइकिल पर सवार 13 वर्षीय एक लड़के के गले में चीनी डोर फंस जाने से उसकी मौत हो गई थी।

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पतंगों का कारोबार करने वाले एक दुकानदार ने कहा, ‘‘चीनी डोर नायलॉन या सिंथेटिक धागे से बनती है और इसे धारदार बनाने के लिए पाउडर ग्लास एवं धातु कणों का इस्तेमाल किया जाता है।’’

पाली ने बताया कि यह सूती डोर की तुलना में धारदार और सस्ती होती है, इसलिए कुछ पतंग प्रेमी इसमें शामिल जोखिमों को नजरअंदाज करते हुए इसे खरीदना पसंद करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एक सामान्य सूती मांझे की चरखी की कीमत 400 रुपये (1,000 मीटर) होती है, जबकि इतनी ही कीमत पर 4,000 मीटर ‘चीनी मांझे’ की चरखी खरीदी जा सकती है।’’

सूती डोर मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली से लाई जाती है।

पाली ने कहा कि राज्य सरकार को ‘चीनी डोर’ के कारण गंभीर चोट लगने के मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘तभी इसकी बिक्री और खरीद पर लगाम लग सकती है।’’

राज्य में चीनी डोर की बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध है लेकिन इसका उल्लंघन बेरोकटोक जारी है।

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पंजाब पुलिस ने अब ‘चीनी डोर’ की खरीद-फरोख्त के खिलाफ अभियान शुरू किया है।

पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि राज्य में कई स्थानों से चीनी डोर की 10,000 से अधिक गट्ठी जब्त की गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने चीनी डोर बेचने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की है और चीनी डोर की 10,269 गट्ठी बरामद करने के बाद 176 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 188 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’’

गिल ने कहा कि चीनी डोर के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।










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