Rahul Gandhi in Manipur: राहुल गांधी ने मणिपुर के मोइरांग में राहत शिविरों का किया दौरा, प्रभावितों से मुलाकात, जानिये ये अपडेट
हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले के मोइरांग शहर में दो राहत शिविरों में गए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
इंफाल: हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले के मोइरांग शहर में दो राहत शिविरों में गए। पार्टी पदाधिकारियों ने यह जानकारी दी।
गांधी सुबह करीब साढ़ नौ बजे हेलीकॉप्टर से मोइरांग पहुंचे। उन्होंने यहां प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी व्यथा सुनी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्टी के सूत्रों ने बताया कि जिन दो शिविरों को राहुल ने दौरा किया, वहां करीब 1000 लोग रहते हैं।
राहुल गांधी के साथ मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, पीसीसी अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और पूर्व सांसद अजय कुमार थे।
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मोइरांग को ऐतिहासिक रूप से उस शहर के रूप में जाना जाता है, जहां आईएनए (आजाद हिन्द फौज) ने 1944 में भारतीय तिरंगा फहराया था।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी दिन में इंफाल में कुछ बुद्धिजीवियों तथा नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे।
राहुल ने बृहस्पतिवार को चुराचांदपुर में राहत शिविरों का दौरा किया था, जो जातीय दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक है।
जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के चुराचांदपुर में राहत शिविरों के राहुल गांधी के दौरे को लेकर बृहस्पतिवार को उस वक्त नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जब कांग्रेस नेता के काफिले को पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया और उन्हें अपने गंतव्य तक हेलीकॉप्टर से जाना पड़ा।
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कांग्रेस नेता स्थानीय समुदायों को सांत्वना देने के लिए मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।