किसानों के अरमानों पर बारिश ने फेरा पानी, खेत जलमग्न, माथे पर खिंची चिंता की लकीरें, जिले में 176 एमएम बारिश
महराजगंज में अनवरत बारिश से कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल दिखाई दिया। किसानों के खेत जलमग्न व धान की फसल को क्षति होने से कृषक वर्ग परेशान है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: जनपद में सोमवार की रात से शुरू हुई बारिश लगातार चौबीस घंटे तक रूक रूक कर अपना रूप दिखाती रही। एक तरफ जहां भीषण गर्मी में ठंडक का एहसास होने से लोगों को काफी राहत मिली वहीं किसानों के खेत जलमग्न हो गए। आबकारी, बस स्टेशन, कोतवाली आदि सरकारी आफिसों से लेकर बलिया नाला पुल पर भारी जलजमाव हो गया। जिले में 176 एमएम बारिश दर्ज की गई।
बुधवार को एक बजे के बाद से मौसम साफ होना शुरू हुआ।
किसानों के चेहरे पर चिंताओं की लकीरें
किसान रघुवंश सिंह, राधारमण जायसवाल, राजेंद्र वर्मा, अरमान अली, मोती लाल जायसवाल, रामप्रीत वर्मा आदि किसानों ने बताया कि धान की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जलावायु मानी जाती है।
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बारिश न होने के कारण किसान अपनी पूंजी खेती को पानी चला कर धान की खेती की रोपाई की थी। लगातार बारिश से कारण अब दोबारा धान रोपने के लिए बेहन भी मिलना मुश्किल हो जाएगा।
खेत और मेड पानी से दिखाई नहीं दे रहा है। अब फसलें पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी।
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सरकार भी क्षतिपूर्ति से पल्ला झाड लेती है। ऐसे में आखिर हम किसान कहां और किसके पास जाएं।
किसानों को अब दवा और बेटियों की शादी की चिंता सताने लगी है।