बारिश का कहर: पंजाब, हरियाणा में मृतकों की संख्या 18 हुई

डीएन ब्यूरो

पंजाब में पिछले तीन दिनों में लगभग 10 हजार लोगों को जलभराव वाले इलाकों से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है। अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

बारिश का कहर (फाइल)
बारिश का कहर (फाइल)


चंडीगढ़: पंजाब में पिछले तीन दिनों में लगभग 10 हजार लोगों को जलभराव वाले इलाकों से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है। अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पटियाला, रूपनगर, मोगा, लुधियाना, मोहाली, एसबीएस नगर और फतेहगढ़ साहिब जिलों से लोगों को निकाला गया है। उनका कहना है कि फिलहाल उनका ध्यान बचाव कार्य पर केंद्रित है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में बारिश के कारण हुए हादसों में मरने वालों की संख्या 18 हो गई है, जिनमें सात मौतें हरियाणा में हुईं।

पड़ोसी राज्य हरियाणा के भी कुछ स्थान बाढ़ प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री मनोहल लाल खट्टर अंबाला जिले का दौरा कर स्थिति का जायजा ले सकते हैं।

तीन दिन लगातार बारिश होने के बाद बुधवार को लगातार दूसरे दिन अधिकत्तर स्थानों पर मौसम साफ रहा।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया कि वह बारिश की स्थिति पर नियमित जानकारी ले रहे हैं।

उन्होंने पंजाबी में कहा, ‘‘सभी बांध सुरक्षित हैं और खतरे के निशान से नीचे हैं। हमारी प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्रों में लोगों तक मदद पहुंचाने की है। आशा करता हूं, पंजाब में शाम तक स्थिति सुधर जाएगी।’’

उनका कहना है कि सरकार लोगों के साथ है और किसी भी तरह के नुकसान के लिए उन्हें मुआवजा भी दिया जाएगा।

सरकारी आंकड़े के अनुसार, फरीदकोट जिले में तीन लोगों की मौत के साथ पंजाब में बारिश के कारण हुए हादसों में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है।

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वहीं, अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा में मौत का आंकड़ा सात से बढ़ सकता है, क्योंकि बुधवार को और भी मौतें दर्ज की गई हैं।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हरियाणा के अंबाला में तीन शव मिले हैं। बाढ़ के पानी से निकलते समय करंट लगने से एक और व्यक्ति की मौत हो गई है।’’

भारी बारिश अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गई है, करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है और खेत जलमग्न हो गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों के प्रभावित इलाकों में राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर और स्थायी चिकित्सा शिविर भी स्थापित किए गए हैं।

सेना की मदद से राज्य आपदा प्रबंधन दल, एनडीआरएफ और विभिन्न सरकारी विभाग राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं।

घग्गर नदी के तटबंध में आई दरार का सही-सही जायजा लेने के लिए संगरुर प्रशासन ने ड्रोन, नौका एवं अन्य उपकरणों की मदद लेना शुरू कर दिया है, साथ ही सेना और एनडीआरएफ का सहयोग भी लिया जा रहा है।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बुधवार को ट्रैक्टर चलाकर अंबाला जिले के हालात का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की, जहां लोगों ने संपत्ति और फसलों को हुए नुकसान से उन्हें अवगत कराया।

चौटाला ने आश्वासन दिया कि सकंट की इस घड़ी में प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद दी जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक भी की और स्थिति से निपटने के लिए उचित निर्देश भी दिए।

कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा भी बुधवार को राज्य के कुछ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकते हैं।

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दोनों राज्यों में अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पटियाला, रूपनगर, जालंधर, एसबीएस नगर, मोहाली जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

यमुना में आई बाढ़ से मंगलवार को करनाल जिले में कृषि भूमि का काफी बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा में यमुना नदी पर बने हथिनी कुंड बैराज पर बुधवार को पानी का स्तर पहले से कम हुआ। मंगलवार सुबह नौ बजे बैराज से करीब 3.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, लेकिन बुधवार दोपहर एक बजे यह 1.36 लाख क्यूसेक था।

उधर, अंबाला के रेलवे अधिकारियों ने बताया कि विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल खंड जगह-जगह पेड़ और मलबा गिरने से बाधित है। इस मार्ग पर 16 जुलाई तक रेल सेवा बंद कर दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि अंबाला-सहारनपुर मार्ग पर घस्तीपुर में रेलवे लाइन के नीचे से मिट्टी बह गई है, जिससे काफी नुकसान हुआ है। इसके कारण मंगलवार को 30 रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा और छह रेलगाड़ियों का परिचालन परिवर्तित मार्ग से किया गया।

पंजाब में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित पटियाला जिला हुआ है। पटियाला की उपायुक्त साक्षी साहनी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वरुण शर्मा प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना, एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल की टीम के साथ समन्वय स्थापित किए हुए हैं।

 










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