Rajasthan: भीलवाड़ा के किसानों का सरदर्द बनी 'काला सोना' की खेती, लोग भी भयभीत
काला सोना कहे जाने वाली अफीम की खेती करने वाले किसानों की आजकल नींद उड़ी हुई हैं। उन्हे हमेशा यह डर सता रहा है कि कहीं उनकी फसल कोई बरबाद ना कर दे या फिर मवेशी उसे उजाडे न दें। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
भीलवाड़ा: काला सोना कहे जाने वाली अफीम की पैदावार करने वाले किसानों की आजकल नींद उड़ी हुई हैं। उन्हें हमेशा यह डर सता रहा है कि कहीं उनकी फसल कोई बर्बाद ना कर दे या फिर मवेशी उसे उजाड़े न दें। यहीं नहीं इस बार मौसम की मार से फसल भी खराब हो रही है, जिसके कारण किसानों के चहेरे पर चिंता की लकिरें हैं।
भीलवाड़ा जिला अफिम अधिकारी डी.के सिंह ने बताया कि कि इस बार भीलवाड़ा जिले में 5445 पट्टै वितरित किये गये है। जिसमें मांडलगढ़ 418, जहाजपुर 136, कोटड़ी 551 और बिजौलियां में 30 पट्टे जारी किए गए है। यहां पर कुल 1077 आरी अफीम की फसल लगाई गई है।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार किसान हरी लाल जाट ने कहा कि इस बार हमने 10 आरी अफीम की फसल लगाई है। जिसकी 4 से 5 बार खुदाई कर 8 से 10 बार सिंचाई की है। इसके साथ खाद और दवाईयों का भी छिड़काव किया, मगर इस बार मौसम खराब होने के कारण फसल में काफी नुकसान हुआ है।
जैसे किसी व्यक्ति के कैंसर रोग होता है वैसा ही इन फसलों में हो रहा है और डोडा के नीचे कालापन आ गया है। जिसके कारण डोडा में दूध नहीं आ रहा है। इसके साथ हवा और बारिश के कारण पौधे नीचे भी गिर गए है। जिससे जड़ नष्ट हो गई है और काफी नुकसान का अंदेशा बना हुआ है।
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हमारी सरकार से अपील है कि इस बार मुआवजे में छूट देकर उपज के रेट को भी बढ़ाए। जिससे की हमें थौड़ी बहुत राहत प्रदान हो सकें। किसान ने यह भी कहा कि पहले सरकार हमसे डोडा चुरा भी बिकता था मगर उस पर भी रोक लगा दी गई है। जिसके कारण हमारे काफी नुकसान हो रहा है। हमारी मांग है कि डोडा चुरा के बदले सरकार हमें उचित मुआवजा प्रदान करें।