राजेंद्र पाल गौतम ने देश में ऐसे धार्मिक ग्रंथों के बहिष्कार का किया आह्वान, पढ़ें पूरा बयान
आम आदमी पार्टी (आप) विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने मांग की कि समाज उन धार्मिक ग्रंथों का बहिष्कार करे जो महिला उत्पीड़न की वकालत करते हैं, जिस पर भाजपा की दिल्ली इकाई ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों ने ‘आप सरकार के हिंदू विरोधी चेहरे’ को उजागर किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने मांग की कि समाज उन धार्मिक ग्रंथों का बहिष्कार करे जो महिला उत्पीड़न की वकालत करते हैं, जिस पर भाजपा की दिल्ली इकाई ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों ने ‘आप सरकार के हिंदू विरोधी चेहरे’ को उजागर किया है।
इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में हुई घटना के मद्देनजर दिल्ली विधानसभा में महिला सुरक्षा पर चर्चा के दौरान गौतम ने कहा, “महिला उत्पीड़न का मामला धार्मिक शास्त्रों से जुड़ा है जिसमें महिलाओं और उनके चरित्र के बारे में अपशब्दों का प्रयोग किया गया है।”
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इंद्रप्रस्थ कॉलेज में ‘फेस्ट’ के दौरान कई पुरुषों ने कॉलेज की दीवार पर चढ़कर छात्राओं को परेशान किया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गौतम ने कहा, “एक धार्मिक ग्रंथ जिसकी भारत में कुछ लोगों द्वारा पूजा की जाती है और जो हाल ही में चर्चाओं के केंद्र में रहा है, महिलाओं, जानवरों और शूद्रों को एक ही लीग में रखता है और मांग करता है कि उन्हें पीटा जाए।”
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उन्होंने कहा, “सभी को एकजुट होकर ऐसे सभी धर्मग्रंथों का बहिष्कार करना चाहिए जो महिलाओं के उत्पीड़न और लोगों के बीच भेदभाव की वकालत करते हैं।”
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने पलटवार करते हुए कहा कि टिप्पणी “अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के हिंदू विरोधी चेहरे को उजागर करती है”।