चिकित्सा सुविधा एप ‘ई-संजीवनी’ की पहुंच भारत में डिजिटल क्रांति की शक्ति को दिखाता है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाले ई-संजीवनी एप की पहुंच भारत में डिजिटल क्रांति की शक्ति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि 10 करोड़ से अधिक लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है।
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाले ई-संजीवनी एप की पहुंच भारत में डिजिटल क्रांति की शक्ति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि 10 करोड़ से अधिक लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है।
आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की ताजा कड़ी में उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी एप आम आदमी, मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए जीवन रक्षक एप बन गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये है भारत की डिजिटल क्रांति की शक्ति।’’
यह भी पढ़ें |
भारत ने तैयार किया ऐसा डिजिटल ढांचा, जिससे दूसरे देश भी ले रहे सबक, पढ़ें ये खास रिपोर्ट
मोदी ने कहा कि इस एप का उपयोग कर अब तक टेलीकंसल्टेशन करने वालों की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। भारत के लोगों ने तकनीक को कैसे, अपने जीवन का हिस्सा बनाया है, ये इसका जीता-जागता उदाहरण है।’’
उन्होंने कहा कि कोरोना के काल में ई-संजीवनी एप के जरिए टेलीकंसल्टेशन एक बड़ा वरदान साबित हुआ। प्रधानमंत्री ने इस दौरान एक चिकित्सक और एक मरीज से संवाद भी किया।
यह भी पढ़ें |
डिजिटल सार्वजनिक ढांचे पर भारत के साथ सहयोग की संभावना तलाश रहा है सिंगापुर
उन्होंने कहा, ‘‘देश के सामान्य लोगों के लिए, मध्यम वर्ग के लिए, पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए, ई-संजीवनी जीवन रक्षा करने वाला एप बन रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने भारत के डिजिटल लेनदेने के मंच यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का भी उल्लेख किया और कहा कि दुनिया के कई देश इसकी तरफ आकर्षित हैं।
उन्होंने भारत और सिंगापुर के बीच हाल ही में डिजिटल लेनदेन लिंक सेवा शुरू किए जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत का ई-संजीवनी एप हो या फिर यूपीआई, ये जीवन जीने की सुगमता को बढ़ाने में बहुत मददगार साबित हुए हैं।’’