एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के कोष के दुरुपयोग मामले में पहुंचा जेल की सलाखों के पीछे
प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि बेंगलुरु स्थित सहकारी बैंक के खिलाफ धन शोधन के मामले की जांच के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। बैंक के खिलाफ जनता के एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के कोष का कथित रूप से दुरुपयोग करने का आरोप है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि बेंगलुरु स्थित सहकारी बैंक के खिलाफ धन शोधन के मामले की जांच के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। बैंक के खिलाफ जनता के एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के कोष का कथित रूप से दुरुपयोग करने का आरोप है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जांच एजेंसी ने बताया कि गिरफ्तार किये गये व्यक्ति की पहचान राजेश वी आर के तौर पर की गयी है। उसे श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता के खिलाफ मामले की जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बयान जारी कर बताया, ‘‘बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से निकाली गयी राशि का राजेश एक प्रमुख लाभार्थी है।’’
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पिछले साल फरवरी में एजेंसी ने इस सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रामकृष्णन को गिरफ्तार किया था ।
ईडी ने राजेश वी आर की भूमिका के बारे में कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार उसने 40.40 करोड़ रुपये का कर्ज बैंक से लिया था लेकिन इसका पुनर्भुगतान नहीं किया।’’
केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘‘जांच के दौरान यह भी पता चला कि सार्वजनिक धोखाधड़ी करने के आरोप में राजेश और उसकी पत्नी के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं। अत: ये लोग आदतन अपराधी हैं ।’’
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ईडी का यह मामला ऋणदाता और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता एवं अन्य कानून के तहत बेंगलुरु पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी से निकला है। जांच एजेंसी ने यह मामला धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत फरवरी 2020 में दर्ज किया गया था।
एजेंसी ने कहा है, ‘‘बैंक ने जमाकर्ताओं को अधिकतम ब्याज देने का वादा किया था जो प्रचलित बाजार दर से बेमेल था ।’’
केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में पहले 45.32 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है ।