देश में बिजली खपत को लेकर पढ़ें ये बड़ा अपडेट, जानिये कितनी अरब यूनिट हुई बढ़ोत्तरी

डीएन ब्यूरो

देश में बिजली की खपत चालू साल की अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 1.8 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 407.76 अरब यूनिट पर पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

अप्रैल-जून में बिजली खपत
अप्रैल-जून में बिजली खपत


नयी दिल्ली: देश में बिजली की खपत चालू साल की अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 1.8 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 407.76 अरब यूनिट पर पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

मुख्य रूप से कारण बेमौसम बारिश और बिपरजॉय चक्रवात की वजह से बिजली खपत में वृद्धि मामूली रही है।

इससे पिछले साल की अप्रैल-जून तिमाही में बिजली की खपत 400.44 अरब यूनिट (बीयू) थी और 2021 की समान अवधि में यह 340.37 अरब यूनिट रही थी। यानी 2022 की समान अवधि में बिजली की खपत इससे पिछले साल की तुलना में 17.6 प्रतिशत अधिक रही थी।

अप्रैल-जून, 2023 में अधिकतम पूरी की गई बिजली की मांग बढ़कर 223.23 गीगावॉट हो गई, जो 2022 की समान अवधि में 215.88 गीगावॉट थी। अप्रैल-जून, 2021 में यह 193.99 गीगावॉट थी। इस प्रकार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बिजली की अधिकतम मांग यानी एक दिन में अधिक बिजली की आपूर्ति में वृद्धि धीमी रही है।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बिजली मंत्रालय ने पहले अनुमान लगाया था कि गर्मियों के दौरान देश में बिजली की मांग 229 गीगावॉट पर पहुंच जाएगी। लेकिन बेमौसम बरसात, बिपरजॉय चक्रवात और भारी मानसूनी बारिश के कारण इस साल अप्रैल-जून में यह अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंच सकी है।

मंत्रालय ने आपूर्ति बाधाओं के कारण होने वाली कटौती से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता पर परिचालन करने को कहा गया है।

इसके अलावा इन संयंत्रों को किसी भी कमी से बचने के लिए मिश्रण के लिए कोयला आयात करने का भी निर्देश दिया गया है।

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के कारण बिजली की मांग कम हो गई है, क्योंकि लोगों ने पिछले साल की तुलना में अप्रैल-जून, 2023 के दौरान ठंडक प्रदान करने वाले उपकरणों का कम इस्तेमाल किया।

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औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-मई की अवधि में बिजली उत्पादन 0.1 घट गया, जबकि 2022 की इसी अवधि में यह 17.4 प्रतिशत बढ़ा था।

आईआईपी के आंकड़ों से पता चलता है कि मई में बिजली उत्पादन वृद्धि 0.9 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही और जबकि अप्रैल में इसमें 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई।










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