आरएसएस नेता ने बताया भारत की पहचान को क्यों कहा जाता हिंदुत्व, आध्यात्मिक लोकतंत्र पर कही ये बातें

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि भारत में हमेशा आध्यात्मिक लोकतंत्र रहा है और यही पहचान दुनिया में हिंदुत्व के नाम से जानी जाती है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य


नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने शनिवार को कहा कि भारत में हमेशा आध्यात्मिक लोकतंत्र रहा है और यही पहचान दुनिया में हिंदुत्व के नाम से जानी जाती है।

वैद्य ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के विपरीत भारत में ‘तथाकथित’ अल्पसंख्यकों के पास कई समान अधिकार हैं, जो ‘भारतीय संविधान का हिंदुत्व’ है।

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यहां हिंदू धर्म संस्कृति मंदिर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ‘सनातन भारत’ विषय पर बोलते हुए वैद्य ने कहा कि ‘राष्ट्र’ शब्द का अर्थ सही ढंग से समझा जाना चाहिए क्योंकि भारत राष्ट्रवादी नहीं है पर ‘राष्ट्रीय’ है।

उन्होंने कहा, “भारत में हमेशा से आध्यात्मिक लोकतंत्र रहा है और यह भारत की पहचान है जिसे पूरी दुनिया में हिंदुत्व का नाम मिला है। इसे अंग्रेजी में ‘हिंदुइज्म’ कहना गलत है लेकिन इसे हिंदुत्व कहना चाहिए।”

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वैद्य ने कहा कि आस्था को ‘धर्म’ नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि धर्म पूरी तरह से अलग है और सभी को ‘उपासना’ (पूजा के रूप) चुनने की स्वतंत्रता है।










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