सपा सांसद डिंपल यादव का जन्मदिन आज.. जानिये उनकी ज़िंदगी के कुछ अनछुए पहलू
यूपी के पूर्व सीएम व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज की युवा सांसद डिंपल यादव का आज 40वां जन्मदिन है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक अनुशासित आर्मी परिवार में जन्मी डिंपल कैसे राजनीति में आ गयी। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
कन्नौज: यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज की युवा सांसद डिंपल यादव आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। आज डिंपल 41 साल की हो गई हैं। डिंपल का जन्मदिन समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता देश के अलग-अलग कोनों में धूमधाम से मना रहे हैं। इन लोगों को हर साल जनवरी महीने की 15 तारीख का बेसब्री से इंतजार रहता है।
डिंपल यादव के जन्मदिन पर डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट मे उनसे जुड़ी हम तमाम रोचक बातें आपको बता रहे हैं जिसे उनके प्रशंसक अवश्य जानना चाहेंगे।
जन्म और पढ़ाई-लिखाई
1978 में महाराष्ट्र के पुणे में थल सेना के जांबाज कर्नल एस.सी.रावत के घर जन्मीं डिंपल तीन बहनों में दूसरे स्थान पर हैं। उनके माता-पिता मूल रुप से उत्तराखंड स्थित काशीपुर में रहते हैं।उनकी शुरुआती पढ़ाई और पालन-पोषण पुणे, भटिंडा और अंडमान निकोबार में हुआ। इंटरमीडिएट के बाद डिंपल यादव ने लखनऊ विश्वविद्यालय से कॉमर्स में अपना स्नातक किया।
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अखिलेश और डिंपल की प्रेम कहानी
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अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। डिंपल की अखिलेश यादव से मुलाकात उस समय हुई जब वो लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रही थी। यहीं से दोनों की दोस्ती शुरू हुई। उनकी ये दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो गई और दोनों ने शादी करने का फैसला किया। उनकी लव स्टोरी में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
24 नवंबर 1999 को अखिलेश और डिंपल की शादी हुई थी। जब दोनों की शादी हुई तो डिंपल 21 साल और अखिलेश 25 साल के थे।
एक बेटे और दो बेटी की मां हैं डिंपल
डिंपल और अखिलेश के तीन बच्चे अदिति, अर्जुन और टीना हैं। अदिति सबसे बड़ी हैं जबकि अर्जुन औऱ टीना दोनों जुड़वा बच्चे हैं।
राजनीति के अलावा बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान
डिंपल यादव राजनीति के मोर्चे पर जहां पति का साथ देती हैं तो वहीं पर पारिवारिक मोर्चे पर उनकी कोशिश रहती है कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ बेहतरीन संस्कार दिये जायें इसके लिए वे बच्चों की परवरिश पर पूरा ध्यान खुद देती हैं।
डिंपल का राजनीतिक करियर
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डिंपल यादव प्रदेश की पहली ऐसी महिला हैं जिनके ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। 2012 में अखिलेश यादव के सीएम बनने के बाद वे कन्नौज सीट से निर्विरोध सांसद चुनी गयीं।
इसके बाद 2014 में लगातार दूसरी बार बड़े अंतर से अपने विरोधियों को हराकर लोकसभा में वे पहुंची।
एक रुप यह भी
राजनीति औऱ घर-गृहस्थी के अलावा डिंपल काफी धार्मिक भी हैं। भगवान में आस्था रखने वाली डिंपल नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करती हैं और नव कन्याओं को पारंपरिक तौर पर पूजती भी हैं।
बाल-पोषण औऱ महिलाओं के मुद्दे पर हमेशा रहती हैं मुखर
डिंपल यादव का मानना है कि जब तक हमारे देश के बच्चे स्वस्थ्य नही रहेंगे, भरपूर मात्रा में वे भोजन नहीं करेंगे और खेल-कूद में भाग नही लेंगे तब तक हमारा देश और प्रदेश तरक्की नही कर सकता यही सोच वे बच्चों के पोषण से जुड़े कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर भाग लेती हैं। इसके अलावा में संसद के अंदर और बाहर हर मंच पर महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और तरक्की को लेकर अपनी आवाज बुलंद करती रहती हैं।