सनातन धर्म टिप्पणी विवाद: सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के बयान पर भाजपा हमलावर, हिटलर के यहूदियों के चित्रण से की तुलना
उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म विरोधी बयान को लेकर विपक्ष के खिलाफ हमलावर रुख जारी रखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को द्रमुक नेता के विवादास्पद बयान की तुलना हिटलर के यहूदियों के चित्रण से की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म विरोधी बयान को लेकर विपक्ष के खिलाफ हमलावर रुख जारी रखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को द्रमुक नेता के विवादास्पद बयान की तुलना हिटलर के यहूदियों के चित्रण से की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भाजपा ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उदय स्टालिन की सोची समझी टिप्पणी नफरत फैलाने वाला भाषण है और सनातन धर्म का पालन करने वाली भारत की 80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार का आह्वान है। स्टालिन के लिए कांग्रेस और ‘आईएनडीआईए’ गठबंधन का समर्थन सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है।’’
पार्टी ने आरोप लगाया कि हिटलर ने जिस तरह यहूदियों का चित्रण किया और उदयनिधि स्टालिन ने जिस तरह से सनातन धर्म का वर्णन किया, उसके बीच एक भयानक समानता है।
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पार्टी ने कहा, ‘‘हिटलर की तरह स्टालिन जूनियर ने भी सनातन धर्म को खत्म करने की मांग की है। हम जानते हैं कि कैसे नाजी नफरत का अंजाम यहूदियों के नरसंहार के रूप में सामने आया, जिसमें लगभग 60 लाख यूरोपीय यहूदी और कम से कम 50 लाख सोवियत युद्ध बंदी और अन्य पीड़ित मारे गए।’’
तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को यह टिप्पणी कर विवाद पैदा कर दिया कि ‘सनातन धर्म’ समानता एवं सामाजिक न्याय के विरुद्ध है और इसका उन्मूलन करने की जरूरत है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि इनका उन्मूलन कर देना चाहिए।
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हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा का आह्वान नहीं किया था।
उन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ अपनी टिप्पणी को दोहराते हुए आरोप लगाया, ‘‘सनातन धर्म एक सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है। सनातन धर्म को उखाड़ फेंकना मानवता और मानवीय समानता को बनाए रखना है।’’
सनातन शब्द का उपयोग कई हिंदुओं द्वारा अपने धर्म का वर्णन करने के लिए किया जाता है।