संजय गांधी अस्पताल विवाद: पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय सिंह ने लाइसेंस निलंबन को बतायाअनुचित

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित किए जाने को अनुचित बताया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय सिंह


अमेठी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित किए जाने को अनुचित बताया है।

उन्होंने कहा कि पिछले महीने एक महिला की मौत के मामले में जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन जनहित में अस्पताल का संचालन बहाल किया जाना चाहिए।

संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को दिव्या शुक्ला (22) नामक एक महिला मरीज की मौत के बाद 17 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था। महिला रोगी को 14 सितंबर को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सिंह ने अमेठी के रामनगर में आयोजित एक खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस के निलंबन का जिक्र होने पर कहा, ‘‘महिला की मौत होना बहुत ही दुखद बात है। उसे न्याय मिलना चाहिए। जो चिकित्सक दोषी हो, जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन अस्पताल का संचालन नहीं बंद किया जाना चाहिए। इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है। लोग परेशान हैं। अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करना समझ से परे है।’’

सिंह ने कहा कि वह राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संबंध में पत्र लिखेंगे और साथ ही उनसे मिलकर अस्पताल का संचालन बहाल करने के सिलसिले में बात भी करेंगे।

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इसके पूर्व, भाजपा सांसद वरुण गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक राकेश प्रताप सिंह भी अस्पताल को बंद करने को अनुचित बता चुके हैं। दोनों नेताओं ने ही संजय गांधी अस्पताल को फिर से खोलने की मांग की है।

अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किये जाने के विरोध में अस्पताल के कर्मचारियों तथा चिकित्सकों का प्रदर्शन रविवार को छठे दिन भी जारी है।

संजय गांधी अस्पताल का संचालन कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाला ट्रस्ट करता है। पार्टी सांसद राहुल गांधी भी इस ट्रस्ट के सदस्य हैं।

अमेठी के राम शाहपुर गांव की रहने वाली दिव्या शुक्ला को 14 सितंबर को ऑपरेशन के लिए अस्पताल लाया गया था। उसके पति अनुज शुक्ला का आरोप है कि संजय गांधी अस्पताल के चिकित्सक ने घोर लापरवाही बरतते हुए एनेस्थीसिया का ओवरडोज दे दिया जिसके कारण उसकी हालत बिगड़ गई और लखनऊ के मेदांता अस्पताल में रेफर किए जाने के बाद वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इससे पहले 16 सितंबर की देर शाम परिजनों ने दिव्या के शव को अस्पताल के मुख्य द्वार पर रखकर देर रात तक प्रदर्शन किया था।

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पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर संजय गांधी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अवधेश शर्मा, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सिद्दीकी, जनरल सर्जन मोहम्मद रजा और फिजिशियन डॉ. शुभम द्विवेदी के खिलाफ मुंशीगंज थाने में गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लेते हुए अमेठी के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रसाद के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम से पूरे मामले की जांच कराई, जिसमें मरीज के इलाज में लापरवाही की बात सामने आई है।

इसके बाद अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह ने 17 सितंबर को संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करते हुए ओपीडी और आपात सहित सभी सेवाओं पर रोक लगा दी थी।










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