Saugata Roy of Trinamool Congress: जनजातीय विश्वविद्यालय चर्चा दो अंतिम लोस
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने सरकार पर कटाक्ष किया कि तेलंगाना में बेहतर चुनाव परिणाम की अपेक्षा में सरकार यह विधेयक पहले लेकर क्यों नहीं आई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
तेलंगाना : तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने सरकार पर कटाक्ष किया कि तेलंगाना में बेहतर चुनाव परिणाम की अपेक्षा में सरकार यह विधेयक पहले लेकर क्यों नहीं आई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक राय ने कहा कि आईआईटी, आईआईएम और भोपाल के आईआईएसईआर जैसे संस्थानों के शिक्षा मंत्रालय के प्रत्यक्ष अधीन होने के बावजूद भारत का कोई भी विश्वविद्यालय और संस्थान दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल नहीं हैं, ऐसा आखिर क्यों हैं।
उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों में आदिवासी विद्यार्थियों की आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने और छात्रवृत्ति बढ़ाने की सरकार से मांग की।
आईयूएमएल के एमपी अब्दुस्समद समदानी ने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी के लिए नहीं, जीवन जीने का तरीका सिखाने के लिए भी दी जानी चाहिए।
भाजपा के जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा कि आदिवासी विश्वविद्यालयों में गैर-आदिवासी लोगों को भी शिक्षण और अनुसंधान के अवसर मिलने चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे विश्वविद्यालयों में आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर अनुसंधान करने वाला संस्थान भी खोला जाना चाहिए।
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समाजवादी पार्टी के एस. टी. हसन ने दावा किया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय का बजट पिछले सालों में जहां 15 प्रतिशत तक कम हो गया है, वहीं अन्य विश्वविद्यालयों का बजट बढ़ाया गया है।
भाजपा के सत्यपाल सिंह ने कहा कि किसी विश्वविद्यालय का नाम आदिवासियों के नाम पर रखना थोड़ा हैरान करने वाला है। उन्होंने कहा कि इस देश में अंग्रेजों के शासनकाल की तरह आदिवासियों और गैर-आदिवासियों का विभाजन नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने भी विधेयक का स्वागत किया।
शिवसेना के अरविंद सावंत ने विधेयक को अच्छा बताते हुए कहा कि हर राज्य में उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम के मामले में असमानता है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आदिवासी बच्चों को अकादमिक शिक्षण देने के साथ उनकी खेल प्रतिभाओं को भी निखारना होगा।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के डॉ संजीव कुमार ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने से तेलंगाना के करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति होगी। उन्होंने सरकार से आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में किए गए वादों को पूरा करने का अनुरोध किया।
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बहुजन समाज पार्टी के गिरीश चंद्र ने विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को इन विश्वविद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा दिये जाने की मांग की।
कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने कहा कि सरकार ने इस विधेयक के माध्यम से अच्छा कदम उठाया है, लेकिन देश में शिक्षा के घटते बजट पर भी ध्यान देना होगा।
उन्होंने बिहार में शिक्षा व्यवस्था में खामियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
जावेद ने कहा कि एक तरफ सरकार नये-नये विश्वविद्यालय खोल रही है, वहीं दूसरी तरफ पुराने संस्थान बंद होने के कगार पर हैं।