कोलकाता में तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से स्कूली छात्र की मौत, नाराज लोगों ने किया प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बेहाला चौरास्ता इलाके में शुक्रवार को सुबह सड़क पार करते समय, तेज रफ्तार से जा रहे एक ट्रक की चपेट में आने से छह साल के एक बच्चे की मौत हो गई और उसके पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और कई वाहनों में आग लगा दी।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बेहाला चौरास्ता इलाके में शुक्रवार को सुबह सड़क पार करते समय, तेज रफ्तार से जा रहे एक ट्रक की चपेट में आने से छह साल के एक बच्चे की मौत हो गई और उसके पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और कई वाहनों में आग लगा दी।
अधिकारियों के मुताबिक यह दुर्घटना सुबह करीब 6.30 बजे हुई जब कक्षा दो का छात्र और उसके पिता बेहाला चौरास्ता की सड़क पार कर रहे थे।
मृत बच्चे की पहचान सौरानिल सरकार के रूप में हुई है और उसके पिता का राज्य सरकार द्वारा संचालित सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल (एसएसकेएम) अस्पताल में इलाज चल रहा है। सौरानिल बरिशा उच्च विद्यालय में दूसरी कक्षा का छात्र था।
इस घटना के बाद स्थानीय लोग और अन्य बच्चों के माता-पिता तुरंत सड़कों पर उतर आए और शहर के दक्षिणी हिस्से में प्रमुख सड़क चौराहे पर उचित पुलिस व्यवस्था की 'कमी' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे।
अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय लोगों ने कई पुलिस वाहनों और निजी बसों में आग लगा दी, जिसके कारण प्रशासन ने बड़ी संख्या में त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों को तैनात किया।
उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
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अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) रूपेश कुमार समेत कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आईं है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के कारण व्यस्त डायमंड हार्बर रोड पर यातायात कम से कम दो घंटे तक बाधित रहा।
उन्होंने बताया कि ट्रक चालक को संतरागाछी से पकड़ लिया गया है और वाहन भी जब्त कर लिया गया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल से घटना की रिपोर्ट मांगी है।
इस बीच, दुर्घटना को लेकर राजनीति भी शुरू हो गयी है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य पुलिस के एक वर्ग पर भारी वाहनों द्वारा यातायात नियमों के 'घोर' उल्लंघनों पर आंखें मूंदने का आरोप लगाया है।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुलिस और नागरिक स्वयंसेवकों का एक वर्ग यातायात नियमों के उल्लंघन को नजरअंदाज कर ट्रक चालकों से पैसा वसूलने में व्यस्त है। इस स्थिति के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। ’’
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शुभेंदु अधिकारी के आरोपों का जवाब देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा एक बच्चे की मौत पर ओछी राजनीति कर रही है।
कुणाल घोष ने दावा किया, ‘‘ शुभेंदु अधिकारी के काफिले ने हाल ही में पूर्व मेदिनीपुर के राम नगर में एक व्यक्ति को कुचल दिया था और उन्होंने अपनी कार से उतरने की भी जहमत नहीं उठाई थी। ’’
बारिशा उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक अर्जुन रॉय ने आरोप लगाया कि शैक्षणिक संस्थान के सामने यातायात पुलिस कर्मियों की कोई मौजूदगी नहीं है, जबकि क्षेत्र के अन्य निजी स्कूलों के लिए ऐसा नहीं है।
अर्जुन रॉय ने कहा, ‘‘अगर पुलिस हमारे स्कूल के बाहर यातायात को नियंत्रित करने के लिए अधिक सतर्क होती, तो हम बच्चे को नहीं खोते। ’’