Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण के कारण छात्रों की ऑनलाइन पढाई को लेकर अभिभावक असंतुष्ट
प्रदूषण के कारण दिल्ली के स्कूलों के एक बार फिर बंद होने के बीच कई अभिभावकों ने कहा है कि आनलाइन पढाई कक्षा में उपस्थित होकर पढाई करने जितना प्रभावी नहीं होती है और उन्होंने सरकार से प्रदूषण का स्थायी समाधान खोजने का आग्रह किया है।
नयी दिल्ली: प्रदूषण के कारण दिल्ली के स्कूलों के एक बार फिर बंद होने के बीच कई अभिभावकों ने कहा है कि आनलाइन पढाई कक्षा में उपस्थित होकर पढाई करने जितना प्रभावी नहीं होती है और उन्होंने सरकार से प्रदूषण का स्थायी समाधान खोजने का आग्रह किया है।
हालांकि, कुछ अभिभावकों ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता की कमी पर अफसोस जताया, वहीं अन्य ने सुझाव दिया कि छात्रों को आनलाइन शिक्षा में अचानक होने वाले बदलाव से बचने के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में गिरावट शुरू होने पर पहले से तय उपायों के बारे में पूर्व में ही सूचित किया जाना चाहिए।
दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे के पिता अजीत मिश्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमें उपेक्षित किया गया है। दिल्ली में प्रदूषण की समस्या कई वर्षों से बनी हुई है और इसके समाधान के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। ऑनलाइन कक्षाएं कोई समाधान नहीं हैं क्योंकि ऐसे कई छात्र हैं जिनके पास ऑनलाइन सीखने के लिए आवश्यक उपकरणों की कमी है ।’’
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दिल्ली छावनी में स्थित केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले छठी कक्षा के छात्र के अभिभावक राज कुमार कनौजिया ने कहा कि आनलाइन शिक्षा, वर्ग में उपस्थित होकर चलने वाली कक्षाओं के समान नहीं है, क्योंकि नियमित स्कूल के दिनों के विपरीत, जब बच्चों को ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित किया जाता है, तो केवल एक से दो कक्षाएं ही आयोजित की जाती हैं।
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उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या ऑनलाइन कक्षाएं उचित तरीके से आयोजित की जाती हैं। माता-पिता अपना फोन घर पर छोड़कर काम पर चले जाते हैं और जब वे लौटते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि दिन में केवल एक या दो कक्षाएं आयोजित की गई हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों को घर पर रखकर प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए और अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि अनावश्यक छुट्टियां या ऑनलाइन कक्षाएं न हों।’’
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को घोषणा की कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर दिल्ली के सभी स्कूलों में कक्षा 10 और 12 को छोड़कर सभी अन्य वर्ग की कक्षाओं में बच्चों की भौतिक उपस्थिति पर 10 नवंबर तक पाबंदी लगा दी गयी है।
लगातार पांच दिनों तक वायु गुणवत्ता सूचकांक के गंभीर श्रेणी में रहने के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर मंगलवार की सुबह थोड़ा कम हुआ और यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को शाम 4 बजे 394 था, जो सोमवार शाम 4 बजे 421 दर्ज किया गया था ।
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राजधानी के द्वारका स्थित इद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल में प्राथमिक कक्षा में अध्ययन करने वाले बच्चे के पिता निशांत ने कहा कि सरकार को स्कूलों को पहले से ही उन कदमों के बारे में सूचित करना चाहिए जो वह प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर उठाने की योजना बनाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘स्कूलों को प्रदूषण की स्थिति और उसके बाद के उपायों के बारे में पहले से सूचित किया जाना चाहिए ताकि वे छात्रों को पढाई के तरीके में अचानक बदलाव से बचने के लिए समय पर सूचित कर सकें।’’
निशांत ने कहा, ‘‘सरकार को पराली जलाने से रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए और प्रदूषण से संबंधित मसलों को देखने और अन्य पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का सुझाव देने के लिए एक जिला-वार पर्यावरण टास्क फोर्स होनी चाहिए।’’