फतेहपुर में दुबई कार्निवल मेले में सुरक्षा की अनदेखी, प्रशासन पर उठ रहे सवाल
फतेहपुर में दुबई कार्निवल मेले में सुरक्षा मानकों की अनदेखी, प्रशासनिक अधिकारियों पर परमिसन देने के दौरान लापरवाही का आरोप। मेले में लगे कई झूलों सही हालत में नहीं हैं और साथ ही नाबालिग बच्चों से कराया जा रहा है काम। जिससे किसी भी समय बड़ी दुर्घटना हो सकती है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
फतेहपुर: इन दिनों दुबई कार्निवल मेला चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन इस बार मेले की रौनक से ज्यादा उसकी सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही के मामले सुर्खियों में हैं। मेले में कई झूलों के नट-बोल्ट दुरुस्त नहीं हैं, और कई झूलों में सीट बेल्ट भी नहीं हैं। यहां तक कि कुछ झूलों में सीट बेल्ट में गांठ लगाकर काम चलाया जा रहा है, जो सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप, प्रशासनिक अधिकारियों और लोक निर्माण विभाग के विद्युत यांत्रिकी टीम पर बिना जांच के परमिट देने के आरोप लगे हैं।
मेले में नाबालिग बच्चों से भी काम कराया जा रहा है, जो एक गंभीर मुद्दा है। जब प्रशासनिक अधिकारी निरीक्षण करने आए थे, तब यह चीजें दिखाई नहीं दीं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह सब जानबूझकर अनदेखी की गई थी।
सुरक्षा उपकरणों की खराब स्थिति
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मेले में लगे अग्निशामक यंत्रों की रिनुअल डेट की पर्ची फटी हुई पाई गई है, जो दर्शाता है कि सुरक्षा उपकरणों की नियमित जांच और रखरखाव नहीं हो रहा है। इस लापरवाही से मेले में आने वाले लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन और प्रशासन की निष्क्रियता
हाल ही में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मेले में हो रही अश्लील गतिविधियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। कार्यकर्ताओं का कहना है कि मेले में कई अनैतिक गतिविधियां हो रही हैं, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। सूत्रों के अनुसार, मेले को चलाने के लिए एक बड़ा चढ़ावा चढ़ाया जा चुका है, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि पैसे के बल पर सभी परमिशन प्राप्त की गई हैं।
आगे की कार्रवाई की मांग
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स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को तुरंत इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि मेले में सुरक्षा के सभी मानकों का पालन हो और किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार पर एक बार फिर से प्रकाश डाला है, जिससे यह साफ हो गया है कि आम जनता की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता में कहीं न कहीं कमी है।