भारत में अमेरिकी राजदूत न होना शर्मिंदगी की बात : डेमोक्रेटिक सांसद

डीएन ब्यूरो

अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेटिक सांसद मार्क वार्नर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में दो साल से अधिक समय से अमेरिकी राजदूत का न होना शर्मिंदगी की बात है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

(फाइल फोटो )
(फाइल फोटो )


वाशिंगटन: अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेटिक सांसद मार्क वार्नर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में दो साल से अधिक समय से अमेरिकी राजदूत का न होना शर्मिंदगी की बात है।

उन्होंने सुझाव दिया कि अगर मौजूदा दावेदार एरिक गार्सेटी अपनी नियुक्ति के लिए सीनेट की पुष्टि के वास्ते पर्याप्त वोट हासिल नहीं कर पाते हैं, तो ‘‘उतने ही योग्य’’ किसी अन्य उम्मीदवार के नाम पर विचार किया जाना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जुलाई 2021 में लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर गार्सेटी (52) को भारत में अमेरिकी राजदूत के पद के लिए नामित किया था। हालांकि, गार्सेटी के नामांकन को सीनेट में मतदान के लिए नहीं पेश किया गया क्योंकि इसकी पुष्टि के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के पास सदन में पर्याप्त संख्या बल नहीं था।

यह भी पढ़ें | भारत में अमेरिकी राजदूत की नियुक्ति प्रक्रिया पर जानिये ये बड़ा अपडेट

इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर सीनेट की खुफिया मामलों की प्रवर समिति के अध्यक्ष मार्क वार्नर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यह शर्मिंदगी की बात है कि हम कहते हैं कि भारत-अमेरिका संबंध दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक है और फिर भी हमने भारत में अपना राजदूत नियुक्त नहीं किया है।”

वार्नर पिछले सप्ताह भारत आए अमेरिकी संसद के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि भारतीयों ने भी इस अहम समय में देश में अमेरिकी राजदूत की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया।

शीर्ष डेमोक्रेटिक सांसद ने कहा, “हमारे भारतीय मित्रों ने एक और बात कही कि आप (भारत के साथ मजबूत संबंधों के बारे में) इतनी बातें करते हैं, लेकिन (भारत में) आपका राजदूत ही नहीं है। अब यह मुद्दा (गार्सेटी के नामंकन की पुष्टि) घरेलू राजनीति में फंस गया है, लेकिन मुझे लगता है कि हम सभी यह चाहते हैं कि राष्ट्रपति द्वारा नामित गार्सेटी की नियुक्ति की पुष्टि के लिए मतदान की आवश्यकता है।”

यह भी पढ़ें | Howdy Modi: उर्जा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच समझौता

उन्होंने कहा, “ अगर उनके नाम की पुष्टि होती है तो अच्छा है। अगर ऐसा नहीं हो पाता, तो हमें तत्काल उतने ही योग्य और सक्षम दावेदार को तलाशना होगा। हम भारत में सीनेट द्वारा पुष्ट एक राजदूत के बिना इस संबंध को बरकरार नहीं रख सकते। अगर हम ऐसा नहीं करते, तो यह शर्मिंदगी की बात होगी।”

 










संबंधित समाचार