देश के 9 राज्यों में ऐसे नजर आते हैं नवरात्रि के 9 रंग, मां दुर्गा के 9 रूप देते हैं आशीर्वाद
शारदीय नवरात्रि में यूं तो पूरे देश में नवरात्रि की धूम होती है लेकिन नौ राज्यों में मां दुर्गा की विशेष तौर पर पारंपरिक तरीके से पूजा की जाती है। उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से लेकर पश्चिम हर जगह नवरात्रि पर मां की भक्ति में भक्त झूमते नजर आते हैं और मां उन पर इन दिनों विशेष कृपा बरसाती है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
नई दिल्लीः शारदीय नवरात्रि की तैयारियों की शुरुआत हो गई है। यह त्यौहार सिर्फ उत्तर भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत समेत हर जगह मनाया जाता है। दिल्ली से लेकर बंगाल, दक्षिण से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर पूर्व हर जगह भक्तों पर मां की भक्ति का रंग चढ़ जाता है। भक्त बेसब्री से नवरात्रि का इंतजार करते हैं और इन नौ दिनों में पूरी लगन व विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं।
नवरात्रि विशेष में डाइनामाइट न्यूज़ बता रहा है कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के इन नौ अलग-अलग राज्यों में किस तरह से मनाई जाती है नवरात्रि, भक्तों पर कैसे चढ़ता है इसका रंगः
1.पश्चिम बंगालः नवरात्रि का खुमार पश्चिम बंगाल में हर बार देखने को मिलता है। भक्त अब शारदीय नवरात्रि की तैयारियों में जुट गए हैं। यहां जहां मूर्तिकार मां के अलग-अलग रूपों की प्रतिमाओं को अंतिम टच देने में लगे हैं, वहीं भक्त अपने घरों में साफ-सफाई कर विशेष तैयारियों में लग गए हैं।
यहां नवरात्रि पर 5 दिवसीय दुर्गा महोत्सव मनाया जाता है। इसे लेकर अभी से ही सैकड़ों दुर्गा पूजा पंडाल सजने शुरू हो गए है। मां के भक्तों का पहनावा भी इस दौरान खास होता है। जहां महिलाएं लाल बार्डर वाली सफेद साड़ी पहनती हैं तो वहीं पुरुष धोती-कुर्ता पहनकर मां की अराधना करते हैं।
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2.गुजरातः शारदीय नवरात्रि की बात हो रही हो और गुजरात को हम भूल जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। जी हां गुजरात भारत का एक ऐसा राज्य है, जहां भक्तों पर नवरात्रि का रंग कुछ अलग अंदाज में चढ़ता है। यहां नवरात्रि पर भक्त डांडिया फेस्टिवल का आयोजन करते है। इस दौरान पूरे नौ दिनों तक मां की पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण मां के गर्भ का प्रतीक मिट्टी का कलश रखा जाता है। इस कलश का भी विशेष महत्व है, कलश के अंदर चावल के दाने, सुपारी, सिक्का और पानी भरकर रखा जाता है। भक्त डांडिया कर मां के गानों पर झूमते हैं।
3.महाराष्ट्रः मुंबई में जहां गणेश चतुर्थी विशेष रूप से मनाई जाती है, वहीं यहां नवरात्रि का भी खासा महत्व है। बताते चले कि महाराष्ट्र में शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद ही शुभ माना जाता है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नवरात्रि की शुरुआत पर भक्त नए कार्यों की शुरुआत करते हैं और नई-नई चीजों को खरीदते हैं, जिसे नवरात्रि पर शुभ माना जाता है।
महाराष्ट्र में नवरात्रि को सुहागिनों के लिए बेहद खास माना जाता है, यहां इन नौ दिनों में सुहागिनें विशेष तौर पर अपना श्रृंगार करती है और एक-दूसरी महिलाओं को अपने यहां आने का निमंत्रण देकर श्रृंगार का सामान उपहार में देती है। साथ ही सभी महिला-पुरुष व बच्चे मिलकर डांडिया करते हैं और एक दूसरे को नवरात्रि की शुभकामनाएं देकर मां से आशीर्वाद मांगते हैं।
4.कर्नाटकः देश के इस दक्षिणी राज्य में नवरात्रि का खासा महत्व है। यहां जहां भक्त अपने पारंपरिक त्यौहारों को तो मनाते ही हैं, वहीं नवरात्रि को भी यहां सदियों से मनाया जा रहा है। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां कई सौ साल पहले राजा वाडयार ने अपने दुश्मनों पर जीत और रजवाड़े को विपदा से बचाने के लिए अपने राजकाज में मां दुर्गा की पूजा की थी तभी से ही कर्नाटक में भक्त नवरात्रि को मनाते हुए आ रहे हैं।
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5.केरलः पढ़ाई के क्षेत्र में केरल का स्थान ऐसे ही नहीं शीर्ष पर है। वैसे तो यहां का प्रमुख त्यौहार ओणम कहलाता है लेकिन लोगों को यह जानकर हैरानी होगी कि यहां भी नवरात्रि विशेष तौर पर मनाई जाती है। यहां तीन दिन यानी अष्टमी, नवमी और विजय दश्मी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दौरान भक्तों में मां की भक्ति का रंग इस तरह से सराबोर होता है कि हर तरफ मां की ही जयजयकार की गूंज सुनाई पड़ती है। नवरात्रि में अष्टमी के दिन देवी सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख भक्त किताबें व वाध यंत्र रखकर मां की अराधना करते हैं और ज्ञान की देवी से आशीर्वाद मांगकर अपने-अपने क्षेत्र में सफल होने की कामना करते हैं।
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6.तमिलनाडुः शारदीय नवरात्रि की तैयारियां तमिलनाडु में भी शुरू हो गई है। यहां यह त्यौहार कुछ अलग ही अंदाज में मनाया जाता है। नवरात्रि पर विशेषतौर पर घरों में साफ-सफाई की जाती है। महिलाएं सोलह श्रृंगार कर एक दूसरे को श्रृंगार की चीजें उपहार में देती है। मंदिरों में मां को चढ़ाने के लिए घरों में बेहद की खास व्यंजन तैयार कर मां को इसका भोग लगाया जाता है इसके बाद प्रसाद के तौर पर यह व्यंजन आपस में बांटते है।
7.आंध्र प्रदेशः यहां तो मां की भक्ति का रंग भक्तों पर ऐसे चढ़ता है कि जैसे सूर्य का प्रकाश हो। आंध्र प्रदेश में नवरात्रि को बटुकम्मा पान्डुगा उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इसका मतलब है मां दुर्गा का आह्वान करना। इस दौरान महिलाएं सोने के आभूषण पहनती है और सिल्क की साड़ियों को पहनकर धूमधाम से उत्सव को मनाती है। बटुकम्मा को फलों से तैयार कर इसे पानी में विसर्जित किया जाता है जिससे कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता।
8.पंजाबः नवरात्रि की शुरुआत होते ही पंजाब में भक्तों पर चढ़ने लगता है मां का शुमार। यहां नवरात्रि पर मां का जगराता किया जाता है। यानी पूरी रात जागकर मां दुर्गा के भजन गाए जाते हैं और पूजा की जाती है। यहां सात दिनों तक नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है और अष्टमी के दिन भक्त मां का पूजन कर व्रत खोलते है। इस दौरान कन्याओं व ब्राह्मणों को भी भोजन करवाया जाता है और उनसे आशीर्वाद लिया जाता है।
9.हिमाचल प्रदेशः उत्तर भारत के इस पर्वतीय राज्य में मां सती के अलग-अलग शक्तिपीठ है। यहां पर नवरात्रि का त्यौहार बड़े अनोखे तरीके से मनाया जाता है। यहां दशमी के दिन इसे मनाया जाता है। इस दिन हिमाचल में कुल्लू दशहरा की शुरुआत होती है। मां दुर्गा की मूर्ति को लेकर जगह-जगह परिक्रमा की जाती है और भक्त मां के गानों में झूमते हुए एक दूसरे को त्यौहार की बधाइयां देते हैं और मां से उनके परिवार में सुख-शांति लाने की कामना करते हैं।
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