शिक्षामित्रों ने किया भाजपा मुख्यालय का घेराव, उग्र प्रदर्शन
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजयभर में शिक्षामित्रों का सड़कों पर आकर प्रदर्शन करना जारी है। इस फैसले के बाद उन्हें लगता है कि कहीं उनकी रोजी रोटी न चली जाये।
लखनऊ: शिक्षामित्रों के बारे मे 25 जुलाई को आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्र फिर से सड़कों पर उतर आये हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले मे उन्हीं शिक्षामित्रों को समायोजित करने का आदेश दिया है जिन लोगों ने यूपी टीईटी की परीक्षा पास की है। साथ ही कहा है कि शेष शिक्षामित्रों को भी यह परीक्षा पास करने के लिए दो अवसर दिए जाएंगे लेकिन शिक्षामित्र इसके लिए राजी नही हैं।
शिक्षामित्र कर रहे हैं इच्छामृत्यु की मांग
शिक्षामित्र संघ यूपी के उपाध्यक्ष सुनील भदौरिया का कहना है कि यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट मे पुनर्विचार याचिका दायर करे। साथ ही केन्द्र सरकार इस बारे मे कोई अध्यादेश लाये। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के पूरा होने तक हमें हमारे पद पर बहाल रखा जाए।
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शिक्षामित्रों ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
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शिक्षामित्रों का कहना है कि पिछले 16 साल से वे शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इसलिए उन्हें टीईटी की परीक्षा से छूट दी जाए। वहीं अपनी मांगो के पूरा होने तक वे भाजपा मुख्यालय का गेट छोड़ने को राजी नही थे। शिक्षामित्रों ने सीएम योगी को उनका वादा भी याद दिलाया जिसमे उन्होंने सांसद रहते शिक्षामित्रों के समर्थन की बात कही थी। उनका ये भी कहना है कि सरकार या तो उन्हे राहत दे अन्यथा इच्छा मृत्यु की इजाजत दे।
इस दौरान कुछ शिक्षामंत्रो ने सरकार विरोधी नारेबाजी भी की लेकिन भाजपा नेताओ के समझाने पर शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल बेसिक शिक्षा अपर सचिव आरपी सिंह से भी मिला। जिसमें उन्होंने भी शिक्षामित्रों की समस्याओं के जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया।