शिवसेना यूबीटी ने पीएम मोदी समेत केंद्र सरकार को घेरा, बोले ये बड़े हमले
शिवसेना (यूबीटी) ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर ‘लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी, सामाजिक सौहार्द्र और कानून व्यवस्था की नीलामी करने’ तथा बैंकों के निजीकरण की योजना बनाने का आरोप लगाया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर ‘लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी, सामाजिक सौहार्द्र और कानून व्यवस्था की नीलामी करने’ तथा बैंकों के निजीकरण की योजना बनाने का आरोप लगाया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में दावा किया गया है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों को निजी क्षेत्र में देने पर विचार कर रही है।
बैंकों के निजीकरण की समीक्षा के लिए एक समिति के गठन की खबरों का जिक्र करते हुए ‘सामना’ में लिखा गया है कि अगर प्रक्रिया चल रही है तो यह बात पक्की है कि कुछ बैंकों का निजीकरण किया जाएगा।
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अखबार के अनुसार, ‘‘कहा जा रहा है कि कुछ सरकारी कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को नुकसान हो रहा है और वे सरकार के लिए सफेद हाथी बन गये हैं। इन दावों में कुछ सचाई है। लेकिन मोदी सरकार निजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शी नहीं रही है।’’
इसमें दावा किया गया है कि पिछले सात दशकों में जो भी अर्जित किया गया, उसका ‘नवसंजीवनी’ के नाम पर निजीकरण किया जा रहा है।
संपादकीय में आरोप लगाया गया है, ‘‘मोदी सरकार का चेहरा खतरनाक है क्योंकि वह लोकतंत्र, बोलने की आजादी, कानून व्यवस्था की नीलामी कर रही है और अब इसमें बैंकों को शामिल किया जाएगा।’’
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केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि वह संबंधित विभागों और नियामक के साथ परामर्श के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण पर अपनी राय बनाएगी।