Sidheshwar Mahotsav in Delhi: दिल्ली में पहली बार लगा श्री सिद्धेश्वर ब्रम्हर्षि गुरुदेव गुरुवानंद का दिव्य दरबार, उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

मनोज टिबड़ेवाल आकाश

तिरुपति से पधारे सिद्धेश्वर ब्रम्हर्षि गुरुदेव स्वामी गुरुवानंद का एक दिवसीय 'सिद्धेश्वर महोत्सव 2023' का दिव्य दरबार शनिवार को देश की राजधानी नई दिल्ली में लगा। इसमें अपने गुरु की एक झलक पाने को हजारों भक्त उतावले दिखे। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट



नई दिल्ली: 'सिद्धेश्वर महोत्सव 2023' का भव्य दरबार राजधानी नई दिल्ली के सिरी फोर्ट आडिटोरियम में शनिवार को सजा। बिना किसी निमत्रंण या विशेष प्रचार-प्रसार के इसमें भाग लेने के लिए हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी, जिनका एक ही लक्ष्य था तिरुपति से पधारे अपने गुरु सिद्धेश्वर ब्रम्हर्षि गुरुदेव स्वामी गुरुवानंद का दर्शन करना। इनमें बड़ी संख्या में देश के जाने-माने बुद्धिजीवी, राजनेता, जज, उद्योगपति, आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, वरिष्ठ पत्रकार शामिल रहे। 

भक्तों को आशीर्वाद देते ब्रम्हर्षि गुरुदेव स्वामी गुरुवानंद

कार्यक्रम करीब 5 घंटे तक चला लेकिन भक्तों की भीड़ हिलने का नाम नहीं ले रही थी। 83 वर्षीय ब्रम्हर्षि गुरुदेव स्वामी गुरुवानंद के श्री मुख से निकली गुरुवाणी, गुरुदर्शन और महाआशीर्वाद को पाकर भक्त अपने आपको सौभाग्यशाली मान रहे थे। जब ब्रम्हर्षि गुरुवानंद का प्रवचन चल रहा था तब पूरा आडिटोरियम खचाखच भरा रहा और लोग जय गुरुदेव-जय गुरुदेव के जयकारे लगाते रहे।

दिल्ली में पहली बार सिद्धेश्वर महोत्सव का आयोजन

आयोजकों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि गुरुदेव गुरुवानंद का दिल्ली में प्रवचन का यह पहला कार्यक्रम था। इसका आयोजन विश्व धर्म चेतना मंच की दिल्ली इकाई द्वारा किया गया। कार्यक्रम के पूर्व अल्पाहार और बाद में गुरु प्रसादी का भी श्रद्धालुओं में वितरण किया गया। 

प्रवचन से पहले विदूषी, आयूषी, सान्या और रिद्दिमा ने गुरु वंदना प्रस्तुत की। 

संतवाणी की मुख्य बातें
ब्रम्हर्षि गुरुदेव स्वामी गुरुवानंद ने अपने प्रवचन में आम लोगों के जीवन के व्यवाहरिक पहलूओं के बारे में खुलकर बताया और समझाया कि कैसे छोटी-छोटी बातों को अपने जीवन में उतारकर भक्त अपना और देश का कल्याण कर सकते हैं।  

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1. मैं दिल्ली में कुछ बोलने नहीं आप लोगों को जी भर के देखने आया हूं, आप सब मेरे भाई हो और भगवान के भक्त हो
2. जीवन मानो आइसक्रीम की तरह है, एक दिन गल जायेगा, गलने से पहले इसका पूरी तरह सदुपयोग कर लो
3. किसी भी परिस्थिति में घबराना नहीं चाहिये, हर कार्य सुख शांति के साथ करना चाहिए
4. जीवन को जीवन के साथ जीयो, इसी को आध्यात्म कहते हैं
5. मुझ पर भरोसा रखना मैं भक्तों तक खुद पहुँचता हूँ, लेकिन ये आपको तब समझ में आएगा जब आप स्थिर रहोगे
6. निज पर शासन फिर अनुशासन
7. खुद को सुधारो, दूसरों की शिकायत करना बंद करो
8. जो दूसरों को ठुकराता है वो अपने आप को ठुकराता है
9. भारत महान है और भारतीय महान जब हम ये भावना रखेंगे तभी अपना देश महान होगा
10. स्वयं को सुधार लो, किसी की निंदा मत करो, इसको छोड़ दो, जो दूसरे की निंदा नहीं करे वही महान हो सकता है
11. बुराइयों की समीक्षा हो, अच्छाइयों का प्रचार हो, अहंकार छोड़ो और आध्यात्म की तरफ आओ
12. गुरु तुमको तुम्हारी ताकत याद दिलाता है
13. संस्कृत देव भाषा है, इससे अच्छी कोई भाषा नहीं हो सकती

भक्तों से खचाखच भरा रहा पूरा आडिटोरियम

गुरुदेव ने अंत में कहा
“Happy moments, PRAISE GOD
Difficult moments, SEEK GOD
Quiet moments, WORSHIP GOD
Painful moments, TRUST GOD
Every moment, THANK GOD”

स्वामी गुरुवानंद के बारे में जानें
ब्रम्हर्षि गुरुवानंद का जन्म 12 जनवरी, 1941 को दिल्ली में हुआ। वे आईआईटी (IIT) के टॉपर हैं और खड़गपुर आईआईटी से बीटेक (B.Tech) की डिग्री लेने के बाद ज्योतिष में पीएचडी (PhD) की है। इनका आंध्र प्रदेश के तिरुपति में मुख्य आश्रम है। बहुत तेजी से इनके आश्रमों का विस्तार देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हो रहा है। समय-समय पर ये प्रवचन के लिए देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जाते रहते हैं। इनकी सबसे बड़ी विशेषता से यह है कि ये काफी लो-प्रोफाइल हैं और प्रचार-प्रसार से दूर रहना पसंद करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्रम्हर्षि गुरुवानंद ने हनुमान जी की शक्तियों अष्ट सिद्धि व नवनिधि को अपनी कठिन तप व साधना के द्वारा धारित किया है।

प्रवचन देते सिद्धेश्वर ब्रम्हर्षि गुरुदेव गुरुवानंद

12 साल के लिए त्यागा अन्न
जब सभागार में प्रवचन चल रहा था तभी ब्रम्हर्षि गुरुवानंद ने भक्तों को बताया कि उन्होंने 12 साल के लिए अन्न भी छोड़ दिया है तो लोग चौंक गये। 

क्या कहते हैं पहली बार मिले भक्त
प्रवचन के बाद डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने सभागार में तमाम लोगों से बात की और उनके अनुभव को जाना। पहली बार ब्रम्हर्षि गुरुवानंद के कार्यक्रम में भाग ले रहे उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल ने गुरु दर्शन करने तथा प्रवचन सुनने के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसे संत महापुरुष सदियों में यदा-कदा जन्म लेते हैं। जिनका लक्ष्य ही है विश्व का कल्याण करना। मानवता और शांति की स्थापना के लिए गुरुदेव द्वारा जो कार्य नि:स्वार्थ भाव से नि:शुल्क किये जा रहे हैं। वह अनुकरणीय और अतुलनीय है। 

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राजीव विजयवर्गीय के भक्ति गीतों पर झूमे लोग

राजीव विजयवर्गीय ने भक्ति गीतों से बांधा समां
जयपुर से पधारे मशहूर गायक राजीव विजयवर्गीय ने अपने भक्ति गीतों से आडिटोरियम में मौजूद हर एक शख्स को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनके द्वारा जब हनुमान चालीसा प्रस्तुत की गयी तो सभागार के माहौल में भक्ति की एक जबरदस्त चेतना दौड़ गयी।  

आयोजक मंडल
कार्यक्रम के आयोजन में KLJ ग्रुप के चेयरमैन कन्हैया लाल जैन, मिंडा जी, विनोद बोथरा, शिष्य शिरोमणि से सम्मानित सरला बोथरा, लक्ष्मीपत बोथरा, कृष्ण कुमार जैन, एस.एन.चांडक, जेठमल मेहता, अवधेश दूबे, लोकसभा सचिवालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव अशोक कुमार सिंह आदि ने प्रमुख भूमिका निभायी।










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