मणिपुर पर देर से प्रतिक्रिया देने के लिए सामाजिक संगठनों ने प्रधानमंत्री की आलोचना की
जनता दल (यूनाइटेड) और मणिपुर के कई सामाजिक संगठनों ने राज्य की मौजूदा स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'देर से आई प्रतिक्रिया' की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उन्होंने पहले ही इस मुद्दे पर बोला होता और ध्यान दिया होता, तो मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की जैसी घटना से बचा जा सकता था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
इंफाल: जनता दल (यूनाइटेड) और मणिपुर के कई सामाजिक संगठनों ने राज्य की मौजूदा स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'देर से आई प्रतिक्रिया' की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उन्होंने पहले ही इस मुद्दे पर बोला होता और ध्यान दिया होता, तो मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की जैसी घटना से बचा जा सकता था।
जदयू और सामाजिक संगठनों का कहना है कि मोदी ने इस घटना का वीडियो सामने आने पर क्षोभ व्यक्त किया है, लेकिन तीन मई को राज्य में भड़की हिंसा के बाद से अब तक लगभग 160 लोगों की हत्या और कम से कम 4,000 मकानों को जलाए जाने पर 'एक शब्द' नहीं बोला है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जदयू की मणिपुर इकाई के प्रवक्ता निमाईचंद लुवांग ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया काफी देर से आई है। वह 79 दिन तक चुप रहे, हालांकि मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों ही क्षेत्रों में लोगों को भारी परेशानी हो रही है। दो महीने से ज्यादा समय तक केंद्र सरकार क्या कर रही थी? ’’
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लुवांग ने कहा, ‘‘समान विचारधारा वाले दस विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मिलने की कई बार कोशिश की थी। लेकिन, उन्हें समय नहीं दिया गया और प्रधानमंत्री मोदी ने चुप रहना ही बेहतर समझा। ’’
प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर की स्थिति पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए वहां दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना पर बृहस्पतिवार को क्षोभ प्रकट किया और कहा कि इसने 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार किया है तथा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
चार मई को हुई इस घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद से मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक समुदाय के कुछ लोग अन्य समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं।
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ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब ऑर्गनाइजेशन (एएमयूसीओ) के अध्यक्ष नंदो लुवांग ने इस घटना पर हैरानी और दुख व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के अलावा, प्रधानमंत्री ने अभी भी सशस्त्र कुकी उग्रवादियों द्वारा निर्दोष लोगों पर हमला किए जाने तथा राज्य में तबाही मचाने के बारे में एक भी शब्द नहीं बोला है। ’’
‘वूमेनस एसोसिएशन फॉर सोसियो-इकोनॉमिक डेवेलॉपमेंट’ की अध्यक्ष आर के थारकसाना ने शुक्रवार को कहा कि यह घटना 'कुछ जानवरों' के कारण हुई थी और 'सभी लोग इस घिनौने कृत्य से स्तब्ध और बहुत आहत हैं।’
थारकसाना ने कहा, ‘‘तोड़फोड़, घर जलाने और लोगों की हत्या की निरंतर घटनाओं पर प्रधानमंत्री की पूर्ण चुप्पी से हम पूरी तरह से हाशिए पर महसूस करते हैं। मणिपुर में विधवाओं और अनाथों की संख्या लगातार बढ़ रही है।’’