सोनभद्र: मानव सभ्यताओं से जुड़ी हजारों वर्ष पुरानी राख पेंटिंग तोड़ रही दम, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में लगभग 16 हजार साल पुरानी राख पेंटिंग की प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। जिसकी वजह से यह पेंटिंग नष्ट होने की कगार पर है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

राख पेंटिंग
राख पेंटिंग


सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में करीब 16 हजार वर्ष पुरानी राख पेंटिंग देख-रेख के अभाव में उपेक्षा का शिकार हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा अभी तक इसकी सुरक्षा को लेकर कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई है। हजारों वर्ष पुराना यहां पर शिव मंदिर भी है लेकिन देख रेख में वह भी उपेक्षा का शिकार हो रहा है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित पंचमुखी पहाड़ी के भित्त चित्र को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि कोई व्यक्ति बहुत ही सुंदर पेंटिंग करके गया है। उक्त पत्थरों पर कई प्रकार के जानवरों व मानव सभ्यताएं के चित्र भी बनाया गया है। 

कई हजारों वर्ष पुराना होने के बावजूद भी यह जस के तस पड़ा हुआ है, लेकिन लोगों की लापरवाही के चलते इन दोनों की स्थिति काफी खराब होती जा रही है। आए दिन यहां पर लोग पिकनिक मनाते हैं और धुआं व पत्थरों पर खरोचने के कारण सभी भित्ति चित्र खराब होते जा रहे है।

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डाइनामाइट न्यूज़ को मंदिर के पुजारी ने बताया कि इन भित्त चित्रों को देखने से पता चलता है कि हमारे पूर्वज कितने जानकर थे। जहां तक इसके देखरेख की बात है तो विभाग द्वारा किसी प्रकार की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई है।

जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर पंचमुखी पहाड़ियों पर स्थित अति प्राचीन रॉक पेंटिंग सुरक्षा और संरक्षण के अभाव में लगातार नष्ट होती जा रही है।

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राख पेंटिंग को देखने के लिए कई राज्य से पर्यटक यहां पर आते हैं, और उसका दीदार करते हैं लेकिन पर्यटन के दृष्टि से  उसका बढ़ावा न होने के कारण दिन प्रतिदिन यह अपेक्षित होती चली जा रही है।
 










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