Special shelter home: गुजरात में पुलिस से सेवानिवृत हो चुके श्वानों के लिए विशेष आश्रय गृह

डीएन ब्यूरो

गुजरात पुलिस में सेवा देने के बाद अपनी अधिक उम्र या अन्य कारणों से अब अनुपयोगी हो चुके श्वानों के लिए उनकी सेवा को ध्यान में रखते हुए आणंद जिले में एक विशेष आश्रय गृह बनाया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सेवानिवृत हो चुके श्वानों के लिए विशेष आश्रय गृह
सेवानिवृत हो चुके श्वानों के लिए विशेष आश्रय गृह


आणंद:  गुजरात पुलिस में सेवा देने के बाद अपनी अधिक उम्र या अन्य कारणों से अब अनुपयोगी हो चुके श्वानों के लिए उनकी सेवा को ध्यान में रखते हुए आणंद जिले में एक विशेष आश्रय गृह बनाया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक पुलिस उपाधीक्षक जे.जे. चौधरी ने बताया कि इस समर्पित केंद्र में इन श्वानों के रहने और चिकित्सा देखभाल की सुविधा है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे आराम से यहां रहें।

उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, देश में अपने तरह के इस पहले केंद्र में 20 श्वान हैं जिनमें 16 सेवानिवृत, दो सेवारत और दो प्रशिक्षु हैं।’’

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इस केंद्र के प्रभारी चौधरी ने कहा कि इस केंद्र में पुलिस श्वान दल के सेवानिवृत सदस्यों के लिए 23 एवं सेवारत श्वान के लिए तीन कमरे हैं तथा उनके लिए यहां खानपान, चिकित्सकीय देखभाल एवं स्वच्छ माहौल है।

उन्होंने बताया कि पुलिस श्वान दल के सेवानिवृत सदस्यों को प्रतिदिन 700 ग्राम दूध, 170 ग्राम रोटी, सुबह में एक अंडा, शाम में 280 ग्राम (बकरे का) गोश्त तथा सब्जियां एवं चावल मिलता है।

उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सालय के डॉक्टर इन श्वान के स्वास्थ्य की जांच भी करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस केंद्र में रखे गये सभी श्वान की हर 15 दिन पर पशु चिकित्सक स्वास्थ्य जांच करते हैं। यदि कोई आपात स्थिति आती है तो उनको तत्काल अस्पताल ले जाया जाता है और उनका इलाज कराया जाता है। इसके लिए एक पुलिस वाहन भी आवंटित किया गया है।’’

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चौधरी के अनुसार दैनिकचर्या के अनुसार इन श्वान को सुबह-शाम उनके बैरक से बाहर ले जाया जाता है और उन्हें खुले में खेलने के लिए छोड़ दिया जाता है। उन्होंने बताया कि उनसे व्यायाम कराया जाता है, उन्हें खाना खिलाया जाता है और फिर बैरक में उन्हें वापस पहुंचा दिया जाता है।

पुलिस उपाधीक्षक के मुताबिक शनिवार, रविवार और अन्य सार्वजनिक अवकाश के दिन लोगों को इन श्वान से मिलने, उनके साथ समय बिताने और उन्हें खिलाने दिया जाता है।

 










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