यूपी का किस्सा: गरीबी के कारण पत्नी ने छोड़ा, जैसे-तैसे बुझायी पेट की आग, अचानक चमकी किस्मत, पढ़िये शाहजहांपुर के मुख्तार की ये दिलचस्प कहानी
किसी की किस्मत कब चमक जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ ऐसा ही हुआ है शाहजहांपुर जिले के मीरानपुर कटरा में, जहां कभी स्ट्रीट लाइट चालू और बंद करने का काम करने वाला बेहद गरीब और साधारण व्यक्ति उसी कस्बे की नगर पंचायत का अध्यक्ष बन गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
शाहजहांपुर: किसी की किस्मत कब चमक जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ ऐसा ही हुआ है शाहजहांपुर जिले के मीरानपुर कटरा में, जहां कभी स्ट्रीट लाइट चालू और बंद करने का काम करने वाला बेहद गरीब और साधारण व्यक्ति उसी कस्बे की नगर पंचायत का अध्यक्ष बन गया।
गरीबी के कारण कभी फुटपाथ पर सोने वाले और पारिवारिक परिस्थितियों से हार कर कभी ट्रेन से कटकर खुदकुशी करने जा रहे मुख्तार अहमद मसूदी की कहानी मेहनत, लगन और समर्पण की एक दास्तान है। मसूदी ने गत 13 मई को आए नतीजों में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मीरान कटरा नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है।
पीलीभीत जिले के रहने वाले मसूदी ने मंगलवार को बताया कि करीब 10 साल पहले उनकी पत्नी अकेला उन्हें छोड़कर अपने मायके बदायूं चली गई थी। इससे वह काफी टूट गए। उसके बाद वह यूं ही भटकते हुए मीरानपुर कटरा आ गए। यहां कोई परिचित नहीं था। यहां फुटपाथ पर कई रातें गुजारीं, जिसने जो खाने को दे दिया खा लिया। ऐसी जिंदगी से तंग आकर उन्होंने खुदकुशी करने का मन बना लिया था।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मसूदी बताते हैं कि वह ट्रेन से कटकर खुदकुशी करने के लिए कटरा के पास पटरी पर लेट गए थे। ट्रेन आ रही थी और चंद कदम का ही फासला रह गया था तभी कुछ लड़कों ने उन्हें खींच कर बचा लिया और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष शमीउश्शान खान की कोठी पर ले आए। उन्होंने खान को अपनी परेशानी बतायी जिसके बाद उन्होंने उन्हें सहारा दिया और रहने की जगह भी। यहीं से उनकी जिंदगी में बदलाव की शुरुआत हो गई।
खान ने बताया कि 2017 में वह जब दोबारा मीरानपुर कटरा नगर पंचायत के अध्यक्ष बने तब उन्होंने 2018 में मसूदी को नगर पंचायत के काम में लगा दिया। मसूदी पढ़े-लिखे नहीं थे इसलिए उन्हें स्ट्रीट लाइट खोलने और बंद करने का काम दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब 2023 में मीरानपुर कटरा सीट पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हो गई तो अगड़ी जाति का होने की वजह से मेरे लिए चुनाव लड़ना मुमकिन नहीं रह गया था। इसके बाद एक दिन मसूदी ने मुझसे कहा कि अगर आप चाहें तो हमें अध्यक्ष पद का चुनाव लड़वा दें।’’
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खान ने बताया कि उन्हें मसूदी की बात पसंद आई और उन्होंने उन्हें चुनाव में प्रत्याशी बनाने का मन बना लिया। जब नतीजे सामने आए तो मसूदी ने 742 मतों से चुनाव जीत लिया।
उन्होंने कहा कि मसूदी की जीत उनकी अपनी लगन और मेहनत का नतीजा है। उम्मीद है कि वह जनता की बेहतर ढंग से सेवा करेंगे क्योंकि उन्होंने गरीबी का दर्द सहन किया है इसलिए वह पूरी संवेदनशीलता से काम करेंगे।
मीरानपुर कटरा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अवनीश गंगवार ने कहा कि यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि जो मसूदी कभी उनके मुलाजिम होते थे, आज वह नगर पंचायत अध्यक्ष के रूप में उनके प्रशासक हैं।