PU में हरियाणवी सिंगर Masoom Sharma के शो में छात्र की चाकू गोदकर हत्या, जानिए पूरा अपडेट
पंजाब यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में हरियाणवी सिंगर की परफॉर्मेंस के बीच एक छात्र की चाकू से हत्या कर दी गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित स्किट्रोन कार्यक्रम के दौरान एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा की स्टार नाइट के दौरान एक युवक पर चाकू से हमला किया गया। घायल छात्र को पीजीआई में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, वारदात मुख्य स्टेज के पीछे हुई, लेकिन म्यूजिक के तेज शोर के कारण तत्काल किसी को इसका पता नहीं चल पाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौके पर मौजूद कई छात्रों ने शोर मचाया, लेकिन पुलिस को इस घटना की जानकारी काफी देर से मिली।
मृतक छात्र की पहचान आदित्य ठाकुर के रूप में हुई है, जो हिमाचल प्रदेश का निवासी था और यूआईईटी में सेकंड ईयर का छात्र था। इस घटना से विश्वविद्यालय परिसर में दहशत का माहौल है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हमलावर की पहचान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
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स्टूडेंट काउंसिल की भूख हड़ताल समाप्त
इस बीच, विश्वविद्यालय में पंजाबी गायक गुरदास मान की स्टार नाइट रद्द होने के विरोध में चल रही स्टूडेंट काउंसिल की भूख हड़ताल चौथे दिन समाप्त हो गई। उप प्रधान अर्चित गर्ग और उनके साथियों ने जूस पीकर हड़ताल खत्म करने की घोषणा की।
फंड में पारदर्शिता के लिए नए निर्देश
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हड़ताल के दौरान स्टूडेंट काउंसिल के प्रधान अनुराग दलाल और पीयू अधिकारियों के बीच हुई बैठक में अधिकारियों ने गलती स्वीकार की। विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्णय लिया कि भविष्य में फंड सभी सदस्यों में समान रूप से बांटा जाएगा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए स्टूडेंट काउंसिल का एक अलग अकाउंट खोला जाएगा। साथ ही, एक कमेटी का गठन करने का भी आश्वासन दिया गया। अधिकारियों ने अर्चित गर्ग को 7.5 लाख रुपये देने की भी घोषणा की, जो उनके स्टार नाइट कार्यक्रम पर खर्च हुए थे।
इससे पहले, एनएसयूआई के सदस्यों ने फंड में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद शुक्रवार को डीएसडब्ल्यू और प्रधान के बीच बैठक हुई। इस दौरान फंड से जुड़े सभी बिल प्रस्तुत किए गए। इस घटनाक्रम के बाद विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, और प्रशासन पर सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने का दबाव बढ़ गया है।