Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद समिति को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इलाहाबाद हाई कोर्ट जाएं

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद समिति को वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने का बृस्पतिवार को निर्देश दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद समिति को वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने का बृस्पतिवार को निर्देश दिया।

वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दिया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने उच्चतम न्यायायल के रजिस्ट्रार से संपर्क किया और मामले में तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। रजिस्ट्रार ने उन्हें बताया कि मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने उन्हें उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा है।

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अपनी अर्जियों में अधिवक्ता निजाम पाशा और फुजैल अहमद अय्यूबी ने कहा कि आदेश की आड़ में स्थानीय प्रशासन ने ‘‘बेहद जल्दबाजी’’ में उक्त स्थल में भारी पुलिसबल तैनात किया है और वह मस्जिद के दक्षिणी हिस्से में लगे जाल को काटने की तैयारी में है।

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रशासन के पास रात के अंधेरे में इतनी जल्दबाजी में यह काम करने का कोई कारण है क्योंकि निचली अदालत की ओर से पारित आदेश में उन्हें पहले ही एक सप्ताह का वक्त दिया गया है ताकि जरूरी इंतजाम किए जा सकें। इस तरह की अनुचित जल्दबाजी का स्पष्ट कारण यह है कि प्रशासन वादी पक्ष के साथ मिलकर मस्जिद प्रबंध समिति द्वारा कोई उपाय किए जाने को रोकने की कोशिश में है...।’’

उत्तर प्रदेश के वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को एक ऐतिहासिक निर्णय में ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दिया।

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जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर की जाए।










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