सुप्रीम कोर्ट ने नफरत फैलाने के आरोपों पर दायर अवमानना याचिका से जुड़ा मामला किया बंद

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने नफरत फैलाने वाला भाषण देने के 2021 के मामले में कथित निष्क्रियता को लेकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ दायर तुषार गांधी की अवमानना याचिका का बृहस्पतिवार को निस्तारण कर दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने नफरत फैलाने वाला भाषण देने के 2021 के मामले में कथित निष्क्रियता को लेकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ दायर तुषार गांधी की अवमानना याचिका का बृहस्पतिवार को निस्तारण कर दिया।

न्यायालय ने याचिका से जुड़े मामले को इन प्रतिवेदनों को संज्ञान में लेने के बाद बंद कर दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में 2021 में धार्मिक सभाओं में दिए गए ‘‘नफरती भाषणों’’ संबंधी मामले में एक आरोप पत्र यहां एक अदालत में दायर किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज की इन दलीलों पर गौर किया कि जांच पूरी होने के बाद चार अप्रैल को यहां मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था।

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पीठ ने कहा, ‘‘आरोप पत्र दायर किए जाने के मद्देनजर वर्तमान अवमानना याचिका पर सुनवाई जारी रखना न्याय के हित में उचित नहीं है।’’

इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इस मामले की जांच अग्रिम चरण पर है और जल्द ही जांच रिपोर्ट दायर की जाएगी।

नफरती भाषण का मामला दिसंबर 2021 में ‘सुदर्शन न्यूज’ के संपादक सुरेश चव्हाणके के नेतृत्व में दिल्ली में आयोजित हिंदू युवा वाहिनी के एक कार्यक्रम से जुड़ा है।

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गांधी ने अवमानना याचिका में कथित रूप से नफरत पैदा करने वाले भाषणों से जुड़े मामलों में उत्तराखंड पुलिस और दिल्ली पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया था।

पीठ ने पिछले साल 11 नवंबर को उत्तराखंड सरकार और उसके पुलिस प्रमुख को अवमानना याचिका के पक्षकारों की सूची से मुक्त कर दिया था।










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