सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश की, जानिये पूरा अपडेट
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले ‘उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम’ ने बंबई और गुजरात सहित सात उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र को नामों की सिफारिश भेजी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले ‘उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम’ ने बंबई और गुजरात सहित सात उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र को नामों की सिफारिश भेजी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार तीन-सदस्यीय इस कॉलेजियम में न्यायमूर्ति संजय कृष्ण कौल और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं। इस कॉलेजियम ने बुधवार को न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की और इसके प्रस्तावों को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया।
उसने बंबई, गुजरात, तेलंगाना, केरल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और मणिपुर उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश की है।
उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश करने वाले शीर्ष अदालत के पांच-सदस्यीय कॉलेजियम ने केंद्र से तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश उज्ज्वल भुइयां और केरल में उनके समकक्ष न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी को शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किए जाने की सिफारिश की है।
कॉलेजियम ने बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय के नाम की सिफारिश की है। बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद न्यायमूर्ति रमेश डी धानुका की सेवानिवृत्ति के बाद रिक्त हुआ है।
इसी प्रकार कॉलेजियम ने गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति के लिए न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल के नाम की सिफारिश की है, जो वर्तमान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश हैं।
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प्रस्ताव में कहा गया है कि न्यायमूर्ति सोनिया जी गोकानी की सेवानिवृत्ति के कारण गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त है।
इसमें कहा गया है, ‘‘न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल के नाम पर विचार करते समय, कॉलेजियम ने इस तथ्य को ध्यान में रखा है कि वह देश के किसी उच्च न्यायालय की एकमात्र मौजूदा महिला मुख्य न्यायाधीश होंगी, क्योंकि वर्तमान में उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों में से कोई भी महिला नहीं है।’’
प्रस्ताव में कहा गया है कि अगस्त 2023 में न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर की सेवानिवृत्ति के बाद उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त हो जाएगा।
इसमें कहा गया है, ‘‘उपरोक्त बात को ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम यह सिफारिश करने का निर्णय लेता है कि न्यायमूर्ति सुभाशीष तलपात्रा को न्यायमूर्ति एस मुरलीधर की सेवानिवृत्ति के बाद उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया जाए।’’
कॉलेजियम ने कहा कि न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के परिणामस्वरूप आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद 19 मई, 2023 को खाली हो गया था और इस पद के लिए न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा गया है।
कॉलेजियम ने कहा कि उसके द्वारा की गई एक अलग सिफारिश के संदर्भ में न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी को शीर्ष अदालत में पदोन्नत किए जाने के परिणामस्वरूप केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त हो जाएगा।
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कॉलेजियम ने केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति आशीष जे. देसाई के नाम की सिफारिश की है, जो वर्तमान में गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाल रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि कॉलेजियम की एक अलग सिफारिश के संदर्भ में न्यायमूर्ति भुइयां को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने के परिणामस्वरूप तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद खाली हो जाएगा।
कॉलेजियम ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति आलोक अराधे के नाम की सिफारिश की है, जो वर्तमान में कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं।
इसमें कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार की पदोन्नति के परिणामस्वरूप मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद फरवरी 2023 में खाली हो गया था। कॉलेजियम ने मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल के नाम की सिफारिश की है।