सुप्रीम कोर्ट ने महिला वकील को गिरफ्तारी से दी गई छूट 17 जुलाई तक बढ़ाई, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक तथ्यान्वेषी मिशन के सदस्यों के कथित बयानों पर मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के संबंध में एक महिला वकील को दी गई गिरफ्तारी से राहत 17 जुलाई तक बढ़ा दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक तथ्यान्वेषी मिशन के सदस्यों के कथित बयानों पर मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के संबंध में एक महिला वकील को दी गई गिरफ्तारी से राहत 17 जुलाई तक बढ़ा दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया गया कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता प्रतिवादियों - मणिपुर राज्य और केंद्र - की ओर से पेश होंगे और वह फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं।

पीठ ने कहा, “अदालत को उत्तरदाताओं की दलीलों का लाभ मिल सके, इसके लिए इसे सोमवार (17 जुलाई) को सूचीबद्ध किया जाए। 11 जुलाई, 2023 का अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ा दिया गया है।”

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पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।

शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई को मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के संबंध में वकील दीक्षा द्विवेदी को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था। यह प्राथमिकी टीम के सदस्यों की इस कथित टिप्पणी पर की गई थी कि प्रदेश में जातीय हिंसा “राज्य प्रायोजित” थी।

पिछले हफ्ते माकपा नेता और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वीमन (एनएफआईडब्ल्यू) की महासचिव एनी राजा सहित तथ्यान्वेषी समिति के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिन दंडात्मक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी उनमें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने से संबंधित धारा भी शामिल थी।

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न्यायालय ने वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे की दलीलों पर ध्यान देने के बाद उन्हें राहत दी थी और मामले को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।










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