मथुरा में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिय ये आदेश, जानिये क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के निकट रेलवे के अतिक्रमण-रोधी अभियान से प्रभावित हुए लोगों को इस कदम को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने की सोमवार को छूट दी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के निकट रेलवे के अतिक्रमण-रोधी अभियान से प्रभावित हुए लोगों को इस कदम को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने की सोमवार को छूट दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस दलील का संज्ञान लिया कि विषय तात्कालिक है, क्योंकि रेलवे कथित अवैध निर्माण के खिलाफ अपने ध्वस्तीकरण अभियान को आगे बढ़ा रहा है तथा आज उच्च न्यायालय बंद है।
यह भी पढ़ें |
Uttar Pradesh: यूपी में 22 साल तक चली 20 रुपए की कानूनी लड़ाई, अब ब्याज समेत मिलेंगे 15 हजार, जानिये पूरा मामला
मामले का संक्षिप्त उल्लेख करते हुए एक वकील ने कहा, ‘‘यह विषय उत्तर प्रदेश में कृष्ण जन्मभूमि के निकट बस्तियों को ध्वस्त करने से संबद्ध है। वे वहां उन्नीसवीं सदी से हैं...ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने के लिए एक वाद लंबित है। दुर्भाग्य से, उच्च न्यायालय बंद है।’’ उन्होंने शीर्ष न्यायालय से आज ही मामले को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि याचिका का उल्लेख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें |
मथुरा में ट्रक और ट्रैक्टर की टक्कर में तीन युवकों की मौत
उन्होंने कहा, ‘‘हम आपको इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का रुख करने की छूट देंगे। कृपया उच्च न्यायालय का रुख करें।’’