सुप्रीम कोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी वकील को दी जमानत, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान में एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार 74 वर्षीय वकील को जमानत दे दी और कहा कि आरोपी को लगातार जेल में रखना जरूरी नहीं है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान में एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार 74 वर्षीय वकील को जमानत दे दी और कहा कि आरोपी को लगातार जेल में रखना जरूरी नहीं है।

राजस्थान के एक व्यक्ति ने हाथ से लिखे सुसाइड नोट में वकील के बेटे और दो अन्य को अपनी मौत के लिए मुख्य रूप से जिम्मदार ठहराया था। उसने यह भी कहा था कि वकील ने उसे कथित रूप से धमकी दी थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति पंकज मिठल ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इनकार से संबंधित राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया।

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उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा मामला नहीं है कि याचिकाकर्ता को विशेषकर अंतिम रिपोर्ट दाखिल होने के बाद लगातार जेल में रखना जरूरी हो।’’

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता की अपील (जमानत) को स्वीकार किया जाता है और दिए गए आदेश को रद्द किया जाता है। याचिकाकर्ता को निचली अदालत द्वारा लगाए गए नियमों और शर्तों के आधार पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।’’

आरोपी वकील की ओर से पेश हुईं वकील नमिता सक्सेना ने कहा कि जांच एजेंसी ने एक ऐसा सुसाइड नोट पेश किया जिस पर कोई तिथि नहीं लिखी है और उक्त सुसाइड नोट में उनका (याचिकाकर्ता) नाम नहीं है।

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सक्सेना ने कहा कि उनके मुवक्किल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उनके फरार होने का खतरा नहीं है।










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