अनुच्छेद 370 पर उच्चतम न्यायालय का फैसला निराशाजनक: सज्जाद लोन

डीएन ब्यूरो

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के प्रमुख सज्जाद लोन ने सोमवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय का फैसला ‘‘निराशाजनक’’ है और जम्मू-कश्मीर के लोग ‘‘एक बार फिर न्याय से वंचित’’ रह गए। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

उच्चतम न्यायालय का फैसला निराशाजनक
उच्चतम न्यायालय का फैसला निराशाजनक


श्रीनगर: पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के प्रमुख सज्जाद लोन ने सोमवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय का फैसला ‘‘निराशाजनक’’ है और जम्मू-कश्मीर के लोग ‘‘एक बार फिर न्याय से वंचित’’ रह गए।

लोन ने यहां कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 पर उच्चतम न्यायालय का फैसला निराशाजनक है। जम्मू कश्मीर न्याय से एक बार फिर वंचित रहा।’’

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 कानूनी तौर पर भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन यह ‘‘हमारी राजनीतिक आकांक्षाओं का हमेशा हिस्सा’’ रहेगा।

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उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के पांच अगस्त, 2019 के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।

लोन ने कहा कि राज्य के दर्जे के मामले में उच्चतम न्यायालय ने ‘‘इस पर टिप्पणी करने तक से परहेज किया ...।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद करते हैं कि भविष्य में न्याय व्यवस्था बनावटी नींद से जागेगी।’’










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