Tamil Nadu Oath Ceremony: उदयनिधि स्टालिन समेत कई नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ
तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार का रविवार को कैबिनेट विस्तार हो गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
चेन्नई: तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार का रविवार को कैबिनेट विस्तार हुआ। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेता उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) को डिप्टी सीएम बनाया। इसके साथ ही कैबिनेट में फेरबदल भी किया। वी सेंथिल बालाजी, आर राजेंद्रन, डॉ गोवी चेझियान और एसएम नासर ने स्टालिन सरकार में मंत्री बनाया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 'सनातन' पर विवादित टिप्पणी करने वाले उनके बेटे और राज्य सरकार में मंत्री रहे बेटे उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम की कमान सौंपी।
अपने मंत्रिमंडल में जहां कुछ नए चेहरों को शामिल किया है। वहीं कई मंत्रियों की छुट्टी कर दी है। इस सब के बीच एमके स्टालिन ने अपने बेटे और खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के ओहदे में बढ़ोतरी की है। उन्हें राज्य का डिप्टी सीएम बनाया गया है।
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रविवार को राजभवन में गवर्नर आरएन रवि ने सेंथिल बालाजी समेत चारों DMK नेताओं को शपथ दिलाई। सेंथिल बालाजी की स्टालिन कैबिनेट में वापसी हुई है। उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद इस साल फरवरी में इस्तीफा दे दिया था। उन्हें 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है।
उदयनिधि को पहले ही डिप्टी सीएम मनोनीत किया जा चुका था। उदयनिधि पिछले साल सनातन धर्म पर अपने बयान को लेकर चर्चा में रहे थे। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से की थी।
उदयनिधि को डिप्टी सीएम के अलावा एक और विभाग का जिम्मा उदयनिधि स्टालिन को उनके मौजूदा युवा कल्याण और खेल विकास विभाग के अलावा योजना और विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। बालाजी को कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा, यह अभी तक साफ नहीं हुआ है।
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चौंकाने वाला नाम सेंथिल बालाजी
तमिलनाडु सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे चौंकाने वाला नाम सेंथिल बालाजी का है। सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट से 26 सितंबर को ही जमानत मिली है। एक साल पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सेंथिल को गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री ने बालाजी को बिजली विभाग आवंटित किया है।
14 जुलाई, 2023 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तार किए जाने के समय उनके पास आबकारी विभाग था।। डीएमके सूत्रों के अनुसार सेंथिल बालाजी ने मुख्यमंत्री को आबकारी विभाग में दिलचस्पी न होने की बात बताई। इस वजह से उन्हें बिजली विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।