रोजेदारों ने अलविदा की नमाज अदा कर मुल्क की खुशहाली और अमन चैन के लिए मांगी दुआ

डीएन संवाददाता

महराजगंज जनपद में सुरक्षा व्यवस्था के बीच पढ़ी गई अलविदा की नमाज, तपती धूप भी नहीं डिगा सकी रोजेदारों की आस्था। पढें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

अलविदा की नमाज
अलविदा की नमाज


कोल्हुई बाजार (महराजगंज): माह-ए-रमजान के आखिरी शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिदों में अलविदा की नमाज अदा की।

नगर, कस्बों , गावों के मस्जिदों में अल्ला की इबादत के लिए रोजेदारों ने सिर झुकाया। रोजेदारों ने मुल्क की बेहतरी और अमन चैन के लिए दुआ मांगी।

रोजेदारों ने मुल्क व कौम की खुशहाली के लिए दुआ मांगी। शहर से लेकर गांव तक शांतिपूर्ण नमाज अदा की गई।

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मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहाकि रमजान में आप सभी लोग अल्लाह की बारगाह में जितनी भी इबादत कर लें, कम है। रोजा रखने के साथ-साथ पांचों वक्त की नमाज पढ़ें।

कुरान-ए-पाक की तिलावत करते रहे। कोल्हुई के जामा मस्जिद के  मौलाना बरकत मिस्बाही ने कहा कि रमजान में अल्लाह अपने बंदों के लिए रहमतों की बारिश करता है।

अल्लाह एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब देता है। रमजान में जितना हो सके गरीब व असहायों की मदद करें। 
महराजगंज तराई की सभी मस्जिदों में शांतिपूर्वक अलविदा की नमाज अदा की गई।

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जामा मस्जिद के मौलाना बरकत मिस्बाही ने कहा कि अलविदा की नमाज से ही रोजेदारों की जिम्मेदारी खत्म नहीं ही जाती है, बल्कि यह रमजान शरीफ का महीना इसलिए आता है कि आदमी हमेशा अपने ईमान पर कायम रहे हमेशा खुदा की इबादत करता रहे।  

नौतनवा बाजार,सोनौली सीमा बॉर्डर, परसामालिक, बरगदवा बाजार, ठूठीबारी, बृजमनगंज आदि जगहों पर  स्थित मस्जिद समेत अन्य गांवों के नमाजियों ने मुल्क में अमन-चैन की दुआ मांगी।










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