जैव-ईंधन के लिये निर्यात नीति में सरकार ने किये ये खास बदलाव
सरकार ने बुधवार को जैव-ईंधन के लिये निर्यात नीति में बदलाव किया। इसके तहत आयातित कच्चे माल का उपयोग करके जैव ईंधन का उत्पादन होने पर विशेष आर्थिक क्षेत्रों और निर्यात-उन्मुख इकाइयों से ईंधन और गैर-ईंधन उद्देश्यों के लिये बिना किसी पाबंदी के निर्यात की अनुमति होगी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: सरकार ने बुधवार को जैव-ईंधन के लिये निर्यात नीति में बदलाव किया। इसके तहत आयातित कच्चे माल का उपयोग करके जैव ईंधन का उत्पादन होने पर विशेष आर्थिक क्षेत्रों और निर्यात-उन्मुख इकाइयों से ईंधन और गैर-ईंधन उद्देश्यों के लिये बिना किसी पाबंदी के निर्यात की अनुमति होगी।
सरकार ने 28 अगस्त, 2018 को जैव ईंधन के आयात पर ऐसी ही शर्तें लगाने के कुछ दिनों के भीतर उसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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जैव ईंधन के निर्यात और आयात दोनों के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। जैव ईंधन में एथिल अल्कोहल, पेट्रोलियम तेल और बिटुमिनस खनिजों से प्राप्त तेल और जैव-डीजल शामिल हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 2018 की अधिसूचना में संशोधन किया है। इसके तहत ईंधन के साथ-साथ गैर-ईंधन उद्देश्य के लिये विशेष आर्थिक क्षेत्रों/निर्यात उन्मुख इकाइयों से जैव ईंधन के निर्यात को उस परिस्थिति में बिना किसी प्रतिबंध के अनुमति दी गयी है जब उत्पादन के लिये केवल आयातित कच्चे माल का उपयोग किया गया हो।
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